India News ( इंडिया न्यूज़ ), Ajit Khan Death Anniversary: हिंदी सिनेमा से दर्शकों को पिछले कई सालों में कुछ ऐसे कलाकार मिले, जो आज भी अपने शानदार डायलॉग के लिए याद किए जाते हैं। फिर चाहे वह व्यक्ति फिल्म से जुड़ा कोई भी हो। आम तौर पर फिल्मों में विलेन को ऐसा दिखाया जाता है, जो कितना ही पावरफुल हो, अंत में हीरो से हार ही जाता है। मगर, हिंदी फिल्मों में कुछ विलेन ऐसे भी रहे हैं, जिनकी खलनायकी वाली अदायगी के आगे हीरो भी फेल हैं। हम जिस अभिनेता की बात कर रहे हैं, उन्हें सारा शहर ‘लायन’ के नाम से जानता है। जी हां, हम बात कर रहें हैं बॉलीवुड के दिक्कत अभिनेता अजीत खान की।
बता दें, 27 जनवरी 1922 को हैदराबाद में जन्मे अजीत खान का असली नाम हामिद अली खान था। हामिद दिखने में बिल्कुल हीरो जैसे थे। उनका ख्वाब भी फिल्मी दुनिया में जाने का था। पढ़ाई को बीच में छोड़कर वह एक्टर बनने मुंबई भाग आए। अजीत खान ने अपनी ज्यादातर फिल्मों में निगेटिव किरदार ही निभाया और इसी के जरिये लोगों के दिलों में अपने लिए अलग जगह बनाई। इनका मशहूर संवाद ‘सारा जहां मुझे लॉयन के नाम से जानता है’ और डायलॉग ‘मोना डार्लिंग’ आज भी लोगों को अच्छे से याद है।
अजीत ने जितनी भी फिल्मों में काम किया, उन सबमें उनके डायलॉग को बोलने के अंदाज को लोगों ने खूब पसंद किया। फिर चाहे वह जंजीर का ‘आओ विजय बैठो और बमारे साथ स्कॉच पियो…हम तुम्हें खा थोड़ी जाएंगे…वैसे भी हम वेजिटेरियन हैं’ हो या फिर ‘लिली डोंट बी सिली’, संवाद बोलने की उनकी अदा सबसे जुदा थी। यह डायलॉग्स सिर्फ अजीत की आवाज पर ही सटीक बैठते थे। अक्सर फिल्मों में हीरो, विलेन को नैतिकता का पाठ पढ़ाता है। लेकिन अजीत के मामले में ये सब उल्टा था। कभी वह हीरो से कहते, ‘आशीर्वाद तो बड़े देते हैं…हम तो सिर्फ राय देते हैं।’ तो कभी कहते ‘उम्र से बढ़कर बातें नहीं करते।’ उनके हर डायलॉग स्क्रीन पर मशहूर हुए। उनकी आवाज में दम था, जो उनके मुंह से निकाले हर शब्द को और भी हसीन बना देता था।
ये भी पढ़ें – बहन शाहीन भट्ट ने Alia और Ranbir की शादी का सुनाया खूबसूरत किस्सा, हो गईं थी इमोशनल
Get Current Updates on News India, India News, News India sports, News India Health along with News India Entertainment, India Lok Sabha Election and Headlines from India and around the world.