Story Of Bulldozer: बुलडोजर का उपयोग खुदाई, तोड़-फोड़ या किसी चीज को हटाने के लिए किया जाता है। इसे दोनों तरफ से आॅपरेट किया जा सकता है। इस जंबो मशीन का रंग पीला होता है। आजकल अवैध संपत्ति पर बुलडोजर चलाने की मुहिम चलाई जा रही है। बीते कल दिल्ली के जहांगीरपुरी में अवैध कब्जों पर बुलडोजर कार्रवाई की गई। अवैध कब्जों को हटाने के लिए जिस मशीन का उपयोग हो रहा है उसे जेसीबी या बुलडोजर कहते हैं। तो चलिए जानते हैं क्या है बुलडोजर की कहानी।
बैकेहो लोडर दोनों तरह से काम करती है। इसे स्टेयरिंग के बजाय लीवर्स से आॅपरेट किया जाता है। इसमें एक साइड के लिए स्टेयरिंग लगी होती है, जबकि दूसरी तरफ क्रेन की तरह लीवर लगे होते हैं। इस मशीन में एक तरफ लोडर लगा होता है, जो बड़ा वाला हिस्सा होता है। इससे कोई भी सामान उठाया जाता है। दूसरी तरफ इसमें एक साइड बकेट लगा होता है।
जेसीबी एक्सावेटर्स लिमिटेड एक ब्रिटिश कंपनी है, जिसका मुख्यालय रोसेस्टर स्टाफोर्डशायर में है। यह कंपनी भारी उपकरण बनाने के लिए जानी जाती है। इस कंपनी के मालिक और फाउंडर ब्रिटिश अरबपति जोसेफ सायरिल बम्फोर्ड थे। जोसेफ की मौत 2001 में हो गई थी। उन्हीं के नाम पर कंपनी का नाम जेसीबी रखा गया है।
ऐसा नहीं है कि सिर्फ जेसीबी ही बैकहो लोडर बनाती है। भारत में एसीई, एल और टी, वोल्वो, मह्ंिद्रा एण्ड महिंद्रा जैसी कई कंस्ट्रक्शन इक्यूपमेंट मैन्युफैक्चरिंग कंपनियां हैं जो बैकहो लोडर बनाती हैं। बैकहो लोडर की कीमत 10 लाख रुपए से शुरू होती है जो 40-50 लाख रुपए तक जाती है।
जेसीबी इंडिया की देश में 5 फैक्ट्री और एक डिजाइन सेंटर भी है। जेसीबी ग्रुप की छठी फैक्ट्री गुजरात के बडोदरा में बन रही है। कंपनी ने भारत में बनी मशीनों का निर्यात 110 से ज्यादा देशों में किया है।
यह कंपनी विश्व की तीसरी सबसे बड़ी निर्माण उपकरण बनाने वाली कंपनी है। जेसीबी बैकेहो लोडर के साथ अन्य कई बड़ी मशीनें बनाती है जो निर्माण कार्य, खेती, भार उठाना या जमीन खोदना आदि कामों में उपयोग की जाती हैं। रिपोर्ट अनुसार, कंपनी 300 से अधिक प्रकार की मशीन, खुदाई में उपयोगी ट्रैक्टर और डीजल इंजन आदि बनाती है। इसके साथ ही कंपनी दुनिया के 150 से अधिक देशों में प्रोडक्ट बेचती है। ( Story Of Bulldozer)