कानपुर देहात में अतिक्रमण हटाने के दौरान मां-बेटी जिंदा जल गए, प्रशासनकर्मी सरकारी जमीन से अवैध कब्जा हटाने गया था। अब इस घटना को लेकर प्रदेश में सियासत तेज हो गई है, कानपुर देहात के मैथा तहसील की मड़ौली पंचायत के चाहला गांव में ग्राम समाज की जमीन से कब्जा हटाने पहुंची पुलिस और प्रशासनिक अफसरों के सामने ही झोपड़ी के अंदर मां-बेटी जिंदा जल गई। हालांकि दोनों को बचाने के प्रयास में गृहस्वामी व रुरा इंस्पेक्टर भी झुलस आग में गए।
पीड़ित कृष्ण कुमार दीक्षित का कहना है कि उनका परिवार काफी लंबे समय से इस जमीन पर रह रहा था। उनके परिवार के ही रिश्तेदार उनका विरोध करते चले आ रहे हैं, जिसके बाद उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों से मिलीभगत कर उनकी झोपड़ी में आग लगवा दी। इसी कड़ी में रात एक बजे तक प्रशासन परिजनों को समझाने की कोशिश करता रहा लेकिन पिड़ित परिवार को अभी तक न्याय नही मिला।
पीड़ित परिवार ने कमिश्नर से एक पत्र के द्वारा 5 करोड़ का मुआवजा और घर के दो बेटों के लिए सरकारी नौकरी की मांग की है। इसके साथ ही उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ जल्द से जल्द मिलने की मांग रखी है। ताकि वो न्याय की मांग कर सके।
कानपुर देहात के रूरा थाना क्षेत्र में अवैध कब्जे को हटाने के लिए प्रशासन और पुलिस की टीम पहुंची जहां पर कब्जेधारक और प्रशासन पुलिस के साथ झड़प हो गई थी। जिसके चलते कब्जे की जमीन पर बनी झोपड़ी में रह रहे कृष्ण गोपाल दीक्षित की पत्नी और बेटी की झोपड़ी में आग लगने के कारण जलकर मृत्यु हो गई। आरोप है कि कब्जे को ध्वस्त करने के चलते प्रशासनिक अधिकारियों ने परिवार को झोपड़ी में जबरन कैद कर आग लगा दी जिसकी वजह से झोपड़ी में फंसी मां बेटी की आग की चपेट में झुलसकर मृत्यु हो गई।