संबंधित खबरें
कांग्रेस को झटका देने की तैयारी में हैं उमर अब्दुल्ला? पिछले कुछ समय से मिल रहे संकेत, पूरा मामला जान अपना सिर नोंचने लगेंगे राहुल गांधी
खतरा! अगर आपको भी आया है E-Pan Card डाउनलोड करने वाला ईमेल? तो गलती से ना करें क्लिक वरना…
मिल गया जयपुर गैस टैंकर हादसे का हैवान? जांच में हुआ चौंकाने वाला खुलासा, पुलिस रह गई हैरान
भारत बनाने जा रहा ऐसा हथियार, धूल फांकता नजर आएगा चीन-पाकिस्तान, PM Modi के इस मास्टर स्ट्रोक से थर-थर कांपने लगे Yunus
‘जर्सी नंबर 99 की कमी खलेगी…’, अश्विन के सन्यास से चौंक गए PM Modi, कह दी ये बड़ी बात, क्रिकेट प्रशसंक भी रह गए हैरान
महाराष्ट्र फतह के बाद फिर से चुनावी तैयारी में जुटे Fadnavis, शरद पवार ने सीधे CM को कर दिया कॉल, राज्य की राजनीति में अभी नहीं थमा है तूफान
India News (इंडिया न्यूज़), Lok Sabha Elections 2024: देश में अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियां जोरदार तैयारियों में लगी हुई हैं। चुनाव 2024 से पहले NDA के खिलाफ INDIA बना है। हालांकि, इन दोनों ही गठबंधनों से कई दल अभी बाहर हैं। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बीएसपी (BSP) प्रमुख मायावती ने किसी भी दल के साथ गठबंधन नहीं करने को लेकर घोषणा की थी। हालांकि अब बसपा चीफ ने गठबंधन के संकेत दिए हैं। इसके साथ ही इसकी वजब भी बताई है।
बीएसपी प्रमुख मायावती ने पार्टी की बैठक में मंगलवार को कहा, “कई राज्यों में बैलेंस ऑफ पावर बनने के बावजूद जातिवादी तत्व द्वारा साम, दाम, दंड, भेद आदि अनेकों घिनौने हथकंडे अपना कर बीएसपी के विधायकों को तोड़ लेते हैं। जिससे जनता के साथ विश्वासघात करके घोर स्वार्थी जनविरोधी तत्व सत्ता पर काबिज हो जाते हैं। आगे विधानसभा आमचुनाव के बाद बैलेंस ऑफ पावर बनने पर लोगों की चाहत के हिसाब से, सरकार में शामिल होने पर विचार संभव है।”
गौरतलब है कि मंगलवार को लखनऊ में मायावती के नेतृत्व में बीएसपी की बैठक हुई। जिसमें तेलंगाना और छतीसगढ़ सहित 4 राज्यों में शीघ्र होने वाले विधानसभा आम चुनाव की तैयारी के लिए बातचीत की गई। वरिष्ठ पदाधिकारी और अन्य जिम्मेदार लोगों के साथ इस बैठक में चर्चा की गई। इस बैठक में मध्य प्रदेश और राजस्थान में नए उभरते हालात और ताजा राजनीतिक समीकरण को लेकर चर्चा के साथ-साथ पार्टी जनाधार बढ़ाने को लेकर भी बातचीत हुई।
मायावती ने इस बैठक में कहा, “राजस्थान, एमपी, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना राज्य में इन कमजोर वर्गों और धार्मिक अल्पसंख्यकों में से मुस्लिम समाज का सही संवैधानिक भला तभी हो सकता है। जब वहां जनता को हताशा और निराश करने वाली मजबूत और अहंकारी सरकार नहीं बल्कि गठबंधन की जनहित को मजबूर सरकार होगी, जैसा की अक्सर यहां देखने को मिलता है।”
Also Read:
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.