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Omicron New Variant of Covid 19 in Hindi: कोरोना की दहशत अभी दुनिया से नहीं गई है। इसके साथ ही कोविड-19 (Covid-19) का नया वैरियंट ओमाइक्रोन (Omicron variant) लोगों को और डरा रहा है। दुनिया में हाल ही में साउथ अफ्रीका (South Africa) में इस नए वैरियंट की पहचान हुई है।
आज हम आपको इस पोस्ट में बताएंगे कि कोविड -19 का ओमाइक्रोन वैरियंट कितना घातक है? इसके लक्षण क्या हैं? और इसको लेकर हर व्यक्ति को क्या-क्या सावधानियां बरतनी चाहिए? ओमाइक्रोन वैरियंट को लेकर डब्ल्यूएचओ ने क्या सुझाव दिए हैं?
हाल ही में वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन World Health Organization (WHO) ने SARS-CoV-2 के एक नए वैरियंट के बारे में दुनिया को जानकारी दी। यह वैरियंट दक्षिण अफ्रीका में पाया गया है। डब्ल्यूएचओ ने इस पर चिंता जाहिर की है। डब्ल्यूएचओ ने इसे ओमाइक्रोन भी नाम दिया है।
Aspergillus Lentulus Symptoms And Prevention in Hindi नए फंगस से दहशत
बताते हैं कि नेटवर्क फॉर जीनोमिक्स सर्विलांस इन साउथ अफ्रीका Genomics Surveillance in South Africa (NGS-SA) ने 22 नवंबर, 2021 को इस वैरियंट की पहचान की थी। इसने संबंधित SARS-CoV-2 viruses के एक समूह का पता लगाया था, जो B.1.1.529 वैरियंट से संबंधित है। यह वैरियंट डेल्टा की तुलना में अधिक घातक है। बताते हैं कि कोविड रोधी टीके का भी इस वैरियंट पर कोई असर नहीं है।
SARS-CoV-2 के फैलने के साथ ही नए वैरियंट सामने आ रहे हैं। अभी तक जितने भी वैरियंट आए हैं उन पर रिसर्च चल रही है। वहीं स्वास्थ्य अधिकारियों को यह पहचानने के लिए लगातार निगरानी रखने की जरूरत है कि कौन सा वैरियंट अधिक खतरनाक है। इसी प्रकार एनजीएस-एसए ने बी.1.1.1.529 का पता लगाया था।
अभी तक जो पता चला है उसके अनुसार बी.1.1.529 में कई स्पाइक प्रोटीन म्यूटेशन हैं। यह वैरियंट अत्यधिक संक्रामक है। बता दें कि दक्षिण अफ्रीका ने पिछले दो हफ्तों में इस वैरियंट के नए मामलों में चार गुना वृद्धि दर्ज की है और यह बी.1.1.529 से मेल खाता है।
नए वैरियंट के म्यूटेंट के बारे में एनजीएस-एसए ने कहा है कि यह बी.1.1.1.529 से मेल खाता है। यह स्पाइक प्रोटीन को एन्कोड करता है, जिससे कोशिकाएं नष्ट होती हैं।
इनमें से कुछ म्यूटेंट्स पहले ही अल्फा और डेल्टा वैरियंट में पाए जा चुके हैं। अफ्रीका सेंटर्स फॉर डिजीज में इस पर रिसर्च चल रही है ताकि इस वायरस की क्षमता पर इन म्यूटेंट के संभावित प्रभाव को समझा जा सके। इस पर रिसर्च चल रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि यह कोविड रोधी दवा लेने के बावजूद इतना अधिक प्रभावी क्यों हैं और इससे प्रतिरक्षा प्रणाली कैसे प्रभावित हो रही है?
NGS-SA ने कहा है कि म्यूटेंट्स का एक समूह, जिसे H655Y + N679K + P681H के रूप में जाना जाता है। यह सेल प्रविष्टि के साथ जुड़ा हुआ है और यह तेजी से फैलता है।
यह काफी घातक भी है, nsp6, जो अल्फा, बीटा, गामा और लैम्ब्डा वेरिएंट (Alpha, Beta, Gamma, and Lambda variants) से अधिक खतरनाक है। एनजीएस-एसए का कहना है कि यह जन्मजात प्रतिरक्षा को नष्ट करता है और इसके फैलने की रफ्तार भी काफी तेज है। इस नए वैरियंट में म्यूटेंट R203K+G204R – अल्फा, गामा और लैम्ब्डा में भी पाए गए हैं।
डब्ल्यूएचओ ने कहा कि उसके तकनीकी सलाहकार समूह ने नए वैरियंट की समीक्षा करने के लिए बैठक की। उन्होंने इसे चिंता का विषय बताया है। इसका अर्थ यह है कि ओमाइक्रोन का नया म्यूटेंट कई अन्य म्यूटेंट से मेल खाता है और इसके फैलने से काफी परेशानी हो सकती है।
दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रीय संचारी रोग संस्थान (एनआईसीडी) ने कहा है कि वर्तमान में, बी.1.1.1.529 प्रकार के संक्रमण के बाद कोई असामान्य लक्षण नहीं बताया गया है। इसने इस तथ्य पर प्रकाश डाला है कि, डेल्टा जैसे अन्य संक्रामक रूपों के साथ यह भी स्पर्श से फैल सकता है।
दक्षिण अफ्रीका ने प्रयोगशाला सेटिंग में बी.1.1.529 की प्रतिरक्षा से बचने की क्षमता की जांच शुरू कर दी है। यह वर्तमान टीकों के प्रदर्शन का भी संकेत देगा। इसने अस्पताल में भर्ती होने और बी.1.1.529 से जुड़े परिणामों की निगरानी के लिए एक रीयल टाइम सिस्टम भी स्थापित किया है।
दुनिया भर के सभी विशेषज्ञ ने इस बात पर जोर दिया है कि टीकाकरण ही कोविड को हरा सकता है। नए वैरियंट के आने के बाद यह पता लगता है कि कोरोना महामारी अभी खत्म नहीं हुई है। इसको हराने के लिए कोविड-नियमों का कड़ाई के साथ पालन करने की जरूरत है। इसके लिए मास्किंग, सामाजिक दूरी, सभी साझा स्थानों में अच्छा वेंटिलेशन, और हाथों और शरीर को अच्छे से स्वच्छ रखना जरूरी है।
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