संबंधित खबरें
खबरदार! घाटी में जारी बर्फबारी के बीच घुस सकते हैं 120 पाकिस्तानी आतंकी? खुफिया जानकारी के बाद हाई अलर्ट पर हैं देश की तीनों सेनाएं
कांग्रेसियों ने उद्धव को दिया धोखा? आखिरी दिन किया ऐसा काम…सदमे में आ गई शिवसेना
UP में रिवॉल्वर के दम पर कैसे धमकाए जा रहे वोटर्स? अखिलेश यादव ने दिखाया चौंकाने वाला वीडियो, क्या होगा CM योगी का जवाब
Maharashtra Election Exit Poll Live: महायुति और महाविकास अघाड़ी में कौन मारेगा बाजी? यहां देखें पल-पल की अपडेट
मतदान केंद्र पर निर्दलीय उम्मीदवार ने की सीने में दर्द और बैचेनी की शिकायत, फिर जो हुआ… पूरा मामला पकड़ लेंगे अपना माथा
पति ने अपनी पत्नी को दोस्त के कर दिया हवाले, फिर नशे की हालत में महिला के साथ हैवानियत की सारी हदें हुई पार, पूरा मामला जान पैरों तले खिसक जाएगा जमीन
India News ( इंडिया न्यूज़ ) Pakistan Hinglaj Mata Mandir : 15 अक्टूबर से नवरात्रि शुरू होने वाली है। नवरात्रों में मां दुर्गा के मंदिरों में श्रद्धालु की भारी भीड़ भी देखने को मिलती है। इस दौरान मंदिरों में भी एक अलग ही रोनक होती है। बता दें, नवरात्रि का पर्व भारत ही नहीं बल्कि पाकिस्तान में भी मनाया जाता है। मान्यता है कि यहीं पहला शक्तिपीठ बना था। पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रान्त के माता हिंगलाज (Hinglaj) का नदी के किनारे अघोर पर्वत पर स्थित है। वहीं, माता की ज्योति पाकिस्तान के बलूचिस्तान से 500 साल पहले लाई गई थी और यहां बाड़ी में स्थापित की थी। मंदिर में 500 साल से ही माता हिंगलाज की दो अखंड ज्योति घी और तेल की अनवरत जल रही है। पाकिस्तान में हिंगलाज माता का मंदिर है। यह विश्व के 9 शक्ति पीठों में से एक है। क्या है इतिहास महत्व और रूप की कथा है जानिए सब कुछ…
नवरात्रि के दौरान मंदिर में भारी संख्या में भक्त आते हैं। भक्त यहां दूर-दूर से झंडा लेकर आते हैं और श्रद्धालुओं को नारियल पानी, फल-फूल, बेलपत्र अर्पित करते हैं। मंदिर परिसर में महात्मा भगवानदास के साथ 2 अन्य संतों की समाधि बनी गई है। वहीं यहां पर महात्मा जी की धूनी भी जलती रहती है।
बता दें, भगवान शिव और देवी सती का विवाह हो चुका था लेकिन देवी सती के पिता दक्ष ने भगवान शंकर का अपमान किया तो देवी सती ने यह देखकर आत्मदाह करली थी। जब शंकर भगवान जी को अपनी पत्नी की मृत्यु की सूचना मिली तो वो गुस्से में भर उठे। आत्मदाह के बाद देवी के शरीर के 51 हिस्से अलग-अलग स्थानों पर गिरे,जहां जहां ये गिरे वहां शक्तिपीठ बन गए। वहीं, शक्ति पीठ का यही महत्व है। हिंगलाज मंदिर वहां स्थित है जहां देवी सती का सिर गिरा था। इसलिए मंदिर में माता अपने पूरे रूप में नहीं दिखतीं,बल्कि उनका सिर्फ सिर दिखता है क्योंकि सिर का महत्व शरीर में सबसे ज्यादा होता है इसलिए हिंगलाज मां का महत्व भी शक्तिपीठों में सबसे ज्यादा माना जाता है।
ये भी पढ़े- Benefits of parwal : इस सब्जी के सेवन से सेहत को मिलते हैं गजब के फायदे, जानिए इसके बनाने का तरीका
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.