जैसे जैसे 2022 खत्म होने को आ रहा है, तमाम रिसर्चड बेस्ड रिपोर्ट सामने आ रही है। अब इस नई रिपोर्ट के अनुसार भारतीय रुपया 2022 में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली एशियाई मुद्रा बन गया है। रिपोर्ट के मुताबिक रुपया साल के अंत मेंं 10.14% की गिरावट के साथ समाप्त हुआ है जो 2013 के बाद से इसकी सबसे बड़ी वार्षिक गिरावट है।
इसकी बड़ी वजह रूस-यूक्रेन युद्ध और बढ़ती तेल की कीमतें भी है। 2023 में बाजार सहभागियों का मानना है कि कमोडिटी की कीमतों में कमी से राहत मिलेगी। इसके अलावा विदेशी निवेशकों द्वारा भारतीय इक्विटी को खरीदना जारी रखने की उम्मीद है।
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के डेरिवेटिव रिसर्च के प्रमुख राज दीपक सिंह ने कहा की “फेड अनुमान से अधिक समय तक दरों को ऊंचा रख सकता है और अगर विकसित अर्थव्यवस्थाओं में मंदी, लंबी मंदी में बदल जाती है, तो भारत का निर्यात गंभीर रूप से प्रभावित हो सकता है।”
पिछले साल 2021 के अंत में रुपया 74.33 से नीचे था और डॉलर 82.72 पर समाप्त हुआ था।
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