संबंधित खबरें
‘कुछ लोग खुश है तो…’, महाराष्ट्र में विभागों के बंटवारें के बाद अजित पवार ने कह दी ये बड़ी बात, आखिर किस नेता पर है इनका इशारा?
कांग्रेस को झटका देने की तैयारी में हैं उमर अब्दुल्ला? पिछले कुछ समय से मिल रहे संकेत, पूरा मामला जान अपना सिर नोंचने लगेंगे राहुल गांधी
खतरा! अगर आपको भी आया है E-Pan Card डाउनलोड करने वाला ईमेल? तो गलती से ना करें क्लिक वरना…
मिल गया जयपुर गैस टैंकर हादसे का हैवान? जांच में हुआ चौंकाने वाला खुलासा, पुलिस रह गई हैरान
भारत बनाने जा रहा ऐसा हथियार, धूल फांकता नजर आएगा चीन-पाकिस्तान, PM Modi के इस मास्टर स्ट्रोक से थर-थर कांपने लगे Yunus
‘जर्सी नंबर 99 की कमी खलेगी…’, अश्विन के सन्यास से चौंक गए PM Modi, कह दी ये बड़ी बात, क्रिकेट प्रशसंक भी रह गए हैरान
India News(इंडिया न्यूज),Aircraft Leasing: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा नेशनल एविएशन कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड द्वारा विमान पट्टे पर देने में कथित अनियमितताओं की जांच में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल करने के एक दिन बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश का गुस्सा फूटा और उन्होने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा कि, यूपीए के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के लिए अपने पूर्ववर्ती मनमोहन सिंह और देश से माफी मांगें।
ये भी पढ़े:-असम बदरुद्दीन अजमल को चुनाव से पहले शादी कर लेनी चाहिए, सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने सांसद पर कसा तंज
वहीं जयराम रमेश ने यह भी आरोप लगाया कि मामले को बंद करना अजीत पवार गुट की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच गठबंधन का परिणाम था। इसके साथ ही रमेश ने कहा कि, ”2014 में एयर इंडिया घोटाले के दौरान पीएम मोदी सीएजी रिपोर्ट के साथ हर जगह जा रहे थे।” उन्होंने कहा, “कल सीबीआई ने उस मामले को बंद कर दिया क्योंकि तत्कालीन मंत्री (प्रफुल्ल पटेल) बीजेपी में शामिल हो गए और बीजेपी की वॉशिंग मशीन में चले गए। पीएम मोदी को मनमोहन सिंह से माफी मांगनी चाहिए, उन्हें देश से माफी मांगनी चाहिए।
रमेश ने उस आधार की आलोचना की जिसके आधार पर मनमोहन सिंह के खिलाफ आरोप लगाए गए, उन्होंने कहा कि वे तथ्यात्मक सबूतों के बजाय राजनीतिक उद्देश्यों से उपजे हैं। रमेश ने कहा, “तत्कालीन सीएजी रिपोर्ट के आधार पर, आपने मनमोहन सिंह के खिलाफ आरोप पत्र निकाला था। उन्होंने मनमोहन सिंह द्वारा किए गए सभी घोटालों की एक सूची बनाई थी जो फर्जी थे। वे राजनीतिक रिपोर्ट थीं, सीएजी रिपोर्ट नहीं।”
मिली जानकारी के अनुसार, इस मामले में NACIL द्वारा विमानों को पट्टे पर देने में कथित अनियमितताएं शामिल हैं, जिसका गठन यूपीए (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) युग के दौरान एयर इंडिया और इंडियन एयरलाइंस के विलय के बाद किया गया था। 2017 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई को इन आरोपों की जांच का काम सौंपा गया था। जहां यह आरोप लगाया गया था कि तत्कालीन विमानन मंत्री प्रफुल्ल पटेल ने एयर इंडिया के लिए बड़ी संख्या में विमान पट्टे पर लेने के लिए अपने पद का दुरुपयोग किया, जो उस समय एक सार्वजनिक वाहक थी।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.