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India news No confidence motion Lok Sabha:मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर आज से चर्चा शुरू होगी। बताया जा रहा है कि इस पर तीन दिनों तक चर्चा होगी, जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को जवाब देंगे। राजनीतिकारों का मानना है कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाल होने के बाद वह विपक्ष के तरफ से सबसे पहले चर्चा की शुरुआत कर सकते हैं। देखा जाए तो भाजपा सरकार के खिलाफ यह पहला अविश्वास प्रस्ताव है। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में भी विपक्ष ने 2018 में अविश्वास प्रस्ताव लाया था। अविश्वास प्रस्ताव पर दोपहर 12 बजे से चर्चा शुरु होगी और शाम तक चलेगी।
बताया जा रहा है गुरुवार को प्रधानमंत्री मोदी लोकसभा में जवाब देंगे। बता दें कि कांग्रेस नेता और असम के कलियाबोर सीट से सांसद गौरव गोगोई ने अविश्वास प्रस्ताव के लिए नोटिस दिया है। जिसे लोकसभा अध्यक्ष ने स्वीकार कर लिया है।
इस सप्ताह अविश्वास प्रस्ताव समेत कई अहम विधेयक पेश किए जाने को ध्यान में रखते हुए भारतीय जनता पार्टी ने अपने सभी लोकसभा सांसदों को व्हिप जारी किया है। पार्टी के तरफ से जारी कि गयी व्हिप में 7 अगस्त से 11 अगस्त तक सदन में रहने के लिए कहा गया है। एनडीए ने भी इस प्रस्ताव पर चर्चा के लिए अपने पार्टी के नेताओं का नाम जारी कर दिया है जो लोकसभा में अपना विचार रखेंगे। लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास से चिराग पासवान, अपना दल से अनुप्रिया पटेल, शिवसेना (शिंदे) के तरफ से श्रीकांत शिंदे और राहुल शेवाले पक्ष रखेंगे।
भारतीय संसद में जनता के द्वारा चुने गए प्रतिनिधि बैठते हैं। इसलिए सरकार के पास सदन में बहुमत होना जरूरी होता है। सदन में बहुमत होने के बाद ही किसी पार्टी को सरकार चलाने का अघिकार है। लोकसभा के नियम 198 में अविश्वास प्रस्ताव पर जिक्र मिलता है।इसे इसलिए बनाया गया ताकी पता चल सके किसी भी सरकार के पास बहुमत है या नहीं। भारत के संसदीय राजनीति में इसे ब्रिटेन के वेस्टमिंस्टर मॉडल से लिया गया है। देश में पहला अविश्वास प्रस्ताव 1963 में पंडित जवाहरलाल नेहरू सरकार के खिलाफ लाया गया था,जिसमे 40 घंटे तक बहस चली थी। वैसे देखा जाए तो वर्तमान केंद्र सरकार को अविश्वास प्रस्ताव से कोई खतरा नहीं है। क्योंकि लोकसभा में संख्याबल के हिसाब से मोदी सरकार पूर्ण बहुमत के साथ चल रही है। सरकार अविश्वास प्रस्ताव पर आराम से जीत हाशिल कर लेगी।
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