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46 फसदी नवनिर्वाचित सांसदों पर क्रिमिनल केस, रिपोर्ट में खुलासा

Rajesh kumar • LAST UPDATED : June 6, 2024, 7:13 pm IST
46 फसदी नवनिर्वाचित सांसदों पर क्रिमिनल केस, रिपोर्ट में खुलासा

46 percent of newly elected MPs have criminal cases against them, report reveals

India News (इंडिया न्यूज),ADR Report Reveals: लोकसभा चुनाव के नतीजों को लेकर एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने अपने विश्लेषण में दावा किया है कि लोकसभा के 543 नवनिर्वाचित सदस्यों में से 251 यानि 46 प्रतिशत के खिलाफ क्रिमिनल केस दर्ज हैं और उनमें से 27 को कोर्ट से दोषी भी ठहराया गया है। बता दें कि लोकसभा चुनाव में अभी तक निर्वाचित सांसदों में इस साल सबसे अधिक नवनिर्वाचित सांसदों पर क्रिमिनल केस दर्ज होने के मामले सामने आये हैं।

नामांकन पत्र दाखिल करने के दौरान सांसदों ने दायर हलफनामे में इसका खुलासा किया है। 2019 में कुल 233 नवनिर्वाचित सांसदों (43 प्रतिशत) ने अपने खिलाफ क्रिमिनल केस दर्ज होने की बात हलफनामे में स्वीकार की थी। इससे पहले 2014 के लोकसभा चुनाव में 185 (34 प्रतिशत) सांसदों ने, 2009 के लोकसभा चुनाव में 162 (30 प्रतिशत) सांसदों ने तथा 2004 के लोकसभा चुनाव में 125 (23 प्रतिशत) ने क्रिमिनल मामलों की घोषणा की थी।

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एडीआर के विश्लेषण के अनुसार, साल 2009 से आपराधिक मामले घोषित करने वाले सांसदों की संख्या में 55 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। इस साल जीतने वाले 251 उम्मीदवारों में से 170 (31 प्रतिशत) पर हत्या, हत्या का प्रयास, बलात्कार, अपहरण और महिलाओं के खिलाफ अपराध सहित गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं।

विश्लेषण से पता चला कि यह 2019 लोकसभा चुनाव में 159 (29 प्रतिशत) सांसदों, 2014 लोकसभा चुनाव में 112 (21 प्रतिशत) सांसदों और 2009 लोकसभा चुनाव में 76 (14 प्रतिशत) सांसदों की तुलना में भी वृद्धि है।

अपराधिक मामलों में 124 फीसदी का इजाफा

रिपोर्ट में कहा गया है कि 2009 के लोकसभा चुनाव से गंभीर आपराधिक मामले घोषित करने वाले सांसदों की संख्या में 124 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। विजयी सांसदों के खिलाफ दर्ज अपराधिक मामले का विश्वेषण करते हुए दावा किया गया है कि 27 विजयी उम्मीदवारों ने हलफनामे में घोषित किया है कि उन्हें आपराधिक मामलों में दोषी ठहराया गया है।

इनमें से चार ने भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 के तहत हत्या से संबंधित मामले दर्ज करने का उल्लेख किया है। 27 सांसदों ने आईपीसी की धारा 307 के तहत हत्या के प्रयास से संबंधित मामले दर्ज होने की बात कही है। पंद्रह विजयी उम्मीदवारों ने महिलाओं के खिलाफ अपराधों से संबंधित मामलों की घोषणा की है, जिनमें से दो पर आईपीसी की धारा 376 के तहत बलात्कार का आरोप है।

इतने सांसदों के खिलाफ दर्ज हैं क्रिमिनल केस

इसके अलावा, चार विजयी उम्मीदवारों ने अपहरण से संबंधित मामले घोषित किए हैं और 43 ने अभद्र भाषा से संबंधित मामले घोषित किए हैं। एडीआर के अनुसार, 18वीं लोकसभा में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी भाजपा के 240 विजयी उम्मीदवारों में से 94 (39 प्रतिशत) ने आपराधिक मामले घोषित किए हैं। कांग्रेस के 99 विजयी उम्मीदवारों में से 49 (49 प्रतिशत) ने आपराधिक मामले घोषित किए हैं और समाजवादी पार्टी के 37 उम्मीदवारों में से 21 (45 प्रतिशत) पर आपराधिक आरोप हैं।

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रिपोर्ट के अनुसार डीएमके के 22 में से 13 (59 प्रतिशत), टीएमसी के 29 में से 13 (45 प्रतिशत), टीडीपी के 16 में से आठ (50 प्रतिशत) और शिवसेना के सात विजयी उम्मीदवारों में से पांच (71 प्रतिशत) ने आपराधिक मामले घोषित किए हैं।

रिपोर्ट के अनुसार भाजपा के 63 (26 प्रतिशत), सपा के 17 (46 प्रतिशत) और कांग्रेस के 32 (32 प्रतिशत) उम्मीदवारों ने गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं। इसमें कहा गया है कि छह (27 प्रतिशत) डीएमके उम्मीदवार, सात (24 प्रतिशत) टीएमसी उम्मीदवार, पांच (31 प्रतिशत) टीडीपी उम्मीदवार और चार (57 प्रतिशत) शिवसेना उम्मीदवार गंभीर आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं।

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