इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
50 Rupees Increase In LPG Cylinder: जनता पहले क्या कम मंहगाई की मार से परेशान थी जो अब घरेलू गैस सिलेंडर की कीमत 50 रुपये और बढ गई। आपको सुनने में ये केवल 50 रुपये लग रहे हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि ये सिलेंडर में बढ़े हुए 50 रुपये आपके घर के बजट पर कितना असर डालेंगे। तो चलिए जानते हैं कैसे करें गैसे की बचत, जिससे आपके बजट पर नहीं पड़ेगा ज्यादा असर।
एलपीजी के दाम में ये वृद्धि अक्टूबर 2021 के बाद पहली बार हुई है। बता दें, कच्चे माल के दाम बढ़ने के बावजूद गैस के दाम में एक रुपए की बढ़ोत्तरी नहीं की गई थी। अब पांच किलोग्राम (किलो) एलपीजी सिलेंडर के दाम 349 रुपये होगी, जबकि 10 किलो के एलपीजी सिलेंडर के दाम 669 रुपए होगी। दुकानों में इस्तेमाल होने वाले 19 किलो के सिलेंडर की कीमत 2003.50 रुपए होगी।
14.2 किलो के एक एलपीजी सिलेंडर पर बेसिक रेट में डिस्ट्रीब्यूशन कमीशन, इस्टैब्लिशमेंट चार्ज, डिलवरी चार्ज शामिल होते हैं। इसके बाद टैक्स लगाया जाता है। टैक्स का रेट हर राज्य में एक ही होता है। लेकिन कमीशन और इस्टैब्लिशमेंट चार्ज अलग होता है। इसे उस राज्य की ज्योग्राफी के आधार पर तय किया जाता है। उदाहरण के लिए अगर किसी राज्य का ट्रांसपोर्टेशन चार्ज ज्यादा है तो वहां सिलेंडर का दाम भी ज्यादा होगा।
आमतौर पर खाना बनाते समय लोग बर्तन पर ढक्कन नहीं लगाते है खुला रखकर पकाते हैं। ऐसे में समय और गैस ज्यादा लगती है। खाना पकाते समय उसको ढंक दें। इससे खाना जल्दी पकेगा और गैस की बचत भी होगी।
अक्सर गैस पर कड़ाही चढ़ा देते हैं और फिर सब्जी-प्याज काटने से लेकर अन्य काम शुरू करते हैं। इस प्रोसेस में कभी गैस धीमी तो कभी तेज करते रहते हैं। ऐसा न करें। जो बनाना है, उसका सारा सामान एकत्र होने के बाद गैस जलाएं।
लोग फ्रिज से सामान निकालकर सीधे गैस पर गर्म करने रख देते हैं। ऐसा नहीं करना चाहिए। पहले 15 से 30 मिनट तक बाहर रखें, सामान्य होने पर ही गर्म करें।
आमतौर से लोग बर्तन को इस्तेमाल करने से पहले नहीं पोंछते। बर्तन धोया और फौरन चूल्हे पर चढ़ा दिया। फिर उस बर्तन में मौजूद पानी को गैस जलाकर सुखाते हैं। इससे गैस की बबार्दी होती है। अगर बर्तन पोंछकर चढ़ाएंगे तो थोड़ी बचत होगी।
प्रेशर कुकर में खाना पकाने से समय और ऊर्जा दोनों कम लगती है। कई सर्वे में भी यह बात सामने आई है कि नॉर्मल प्रोसेस की तुलना में प्रेशर कुकिंग से चावल पकाने पर 20 फीसदी, भीगे चने की दाल पर 46 फीसदी रसोई गैस की बचत की जा सकती है।
यदि आपके घर पर बार-बार चाय बनती है या कोई गर्म पानी पीता है तो पानी को बार-बार उबालने से बचें। पानी को एक ही बार उबालकर थर्मस में रख लें। इससे कुछ घंटों के लिए आप निश्चिंत हो जाएंगे और गैस की बचत भी होगी।
खराब या जले हुए बर्तन में खाना पकाने में ज्यादा समय लगता है। इसलिए बर्तन को नियमित रूप से अच्छे से साफ करें। खराब बर्तन को रिप्लेस करें।
कुछ भी पकाते समय आंच को बर्तन के हिसाब से ही रखें। अगर बर्तन छोटा है तो आंच भी कम रखें।
गैस की आंच के रंग को देखें : गैस का रंग अगर पीला, आरेंज या लाल है तो इसका मतलब गैस लीक हो रही है या उसमें कचरा फंसा है। गैस का रंग हमेशा नीला होना चाहिए। अगर रंग बदलता है तो उसकी सफाई करें।
हर तीन महीने में गैस या गैस पाइप लीक चेक करते रहें। यह सुरक्षा के लिहाज से अच्छी आदत है। यह भी याद रखें कि पाइप लीक होने की वजह से गैस जल्दी खत्म होती है। 50 Rupees Increase In LPG Cylinder
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