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Liquor Probe Case: शराब घोटाला मामले में दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी के मामले पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत 9 विपक्षी नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में कहा गया है कि “इस बात से आप में सहमत होंगे कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है। विपक्ष के नेताओं के खिलाफ जिस तरह से केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है, उन कार्रवाई से ऐसा प्रतीत होता है कि हम एक लोकतंत्र से तानाशाही की ओर बढ़ रहे हैं।”
चिट्ठी में लिखा है- “दिल्ली में मनीष सिसोदिया को 26 फरवरी 2023 को गिरफ्तार किया गया। ये गिरफ्तारी काफी लंबी कवायद के बाद और बिना किसी सबूत शेयर किए की गई है। सिसोदिया पर लगाए गए सभी आरोप निराधार और राजनीति से प्रेरित हैं। इस कार्रवाई से पूरे देश की जनता में काफी रोष है। मनीष सिसोदिया को स्कूल शिक्षा में शानदार बदलाव लाने के लिए जाना जाता है। ऐसे में सिसोदिया की गिरफ्तारी दुनिया के सामने राजनीतिक साजिश का उदाहण पेश करती है। इससे इस बात को भी बल मिलता है कि भारत में लोकतांत्रिक मूल्य भाजपा शासन में खतरे में हैं।”
Nine Opposition leaders including Arvind Kejriwal have written to PM Modi on the arrest of former Delhi deputy CM Manish Sisodia in the excise policy case. They have stated that the action appears to suggest that "we have transitioned from being a democracy to an autocracy". pic.twitter.com/ohXn3rNuxI
— ANI (@ANI) March 5, 2023
इस पत्र में आगे कहा गया, “2014 में भाजपा के केंद्र की सत्ता में आने के बाद से लेकर अब तक जिन नेताओं के खिलाफ केंद्रीय जांच एजेंसियों ने मामले दर्ज किए हैं, उनसे पूछताछ की है, उन्हें गिरफ्तार किया है या उनके आवासों या परिसरों पर छापेमारी की है, वे ज्यादातर विपक्षी पार्टियों से संबंधित हैं। रोचक बात यह भी है कि उन नेताओं के खिलाफ जांच की रफ्तार धीमी पड़ गई है, जिन्होंने अब भाजपा का दामन थाम लिया है।”
इसके साथ ही इस पत्र में उन विपक्षी नेताओं का भी जिक्र किया गया है जो इस वक्त केंद्रीय एजेंसियों की जांच का सामना कर रहे हैं। इन नेताओं में अजम खां (सपा), संजय राउत (शिवसेना उद्धव गुट), लालू प्रसाद यादव (राजद), नवाब मलिक, अभिषेक बनर्जी (तृणमूल कांग्रेस) और अनिल देशमुख (एनसीपी) के नाम शामिल हैं। पत्र में दिल्ली, पंजाब, तमिलनाडु और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में राज्यपाल और सरकार के बीच चल रही तनातनी का भी जिक्र किया गया है।
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