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India News (इंडिया न्यूज), Sharad Pawar: लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से देशभर की हवा बदली-बदली लग रही है। इस बीच नवी मुंबई के वाशी में आयोजित सामाजिक ऐक्य परिषद के अवसर पर एनसीपी संस्थापक शरद पवार ने मणिपुर की घटनाओं की तरह महाराष्ट्र में भी अशांति की आशंका जताई है। उन्होंने मणिपुर की घटनाओं पर जोर देते हुए कहा कि वहां कभी एकजुट रहने वाला कुकी-मीतेई समुदाय अब अराजकता और हिंसा पर उतर आया है। उन्होंने मणिपुर की स्थिति की गंभीरता का जिक्र करते हुए चिंता जताई, जहां दो समुदायों के बीच आपसी विवाद के कारण महीनों से हिंसा चल रही है। इसके कारण कई घर नष्ट हो गए, महिलाओं को परेशान किया गया और दर्जनों लोगों की जान चली गई।
शरद पवार ने कहा कि मेरे साथ बातचीत में मणिपुर का ज़िक्र हुआ। देश की संसद में भी इस पर चर्चा हुई। मणिपुर के अलग-अलग जाति, धर्म, भाषा के लोग हमसे मिलने दिल्ली आए। ये तस्वीर क्या कहती है? पीढ़ियों से एक रहा ये प्रांत अब अशांत हो गया है। दो जनजातियों के बीच संघर्ष हुआ। घरों में आग लगा दी गई, खेत नष्ट कर दिए गए, महिलाओं पर अत्याचार किए गए। उन्होंने आगे कहा कि पीढ़ियों से एक साथ रहने वाले, सौहार्द बनाए रखने वाले मणिपुरी आज एक-दूसरे से बात करने को तैयार नहीं हैं।
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एनसीपी संस्थापक ने कहा कि आज जब किसी राज्य पर इतना बड़ा संकट आया है, तो शासकों की ज़िम्मेदारी है कि वो इसका सामना करें। लोगों को आश्वस्त करें, एकता बनाएँ, कानून-व्यवस्था बनाए रखें, लेकिन दुर्भाग्य से आज के शासकों ने इस पर नज़र भी नहीं डाली। उन्होंने आगे कहा कि आज जो कुछ हुआ, उसके बाद उनके मन में कभी नहीं आया कि देश के प्रधानमंत्री वहां जाएं और लोगों को राहत पहुंचाएं। मणिपुर में ऐसा हुआ। पड़ोसी राज्यों में भी ऐसा हुआ। कर्नाटक में भी ऐसा देखने को मिला और हाल के दिनों में चिंता है कि महाराष्ट्र में भी ऐसा हो सकता है। उन्होंने कहा कि यह अच्छी बात है कि महाराष्ट्र के पास कई महान व्यक्तित्वों की विरासत है, जिन्होंने सद्भाव और समानता को दिशा दी।
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