इंडिया न्यूज, वाराणसी:
Gyanvapi Masjid Survey: उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid) मामले में सर्वे कमिश्नर अजय मिश्र नहीं बदले जाएंगे। सर्वे को लेकर मुस्लिम पक्ष ने एडवोकेट कमिश्नर को बदलने व तहखाने की वीडियोग्राफी करवाने की मांग की थी।

सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने आज इस पर फैसला सुनाया। उन्होंने कहा कि कमीशन की कार्यवाही जारी रहेगी और वहां वीडियोग्राफी भी चलती रहेगी। अदालत ने 17 मई से पहले तक दोबारा सर्वे करने का आदेश देते हुए रिपोर्ट एडवोकेट कमिश्नर (Advocate Commissioner) को सौंपनी का आदेश दिया है।

मस्जिद सहित पूरे परिसर का सर्वे होगा, दो सहायक कमिश्नर नियुक्त

गौरतलब है कि तीन दिन तक लगातार दोनों पक्षों की बहस के बाद अदालत ने बुधवार को फैसला सुरक्षित रख लिया था। अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि मस्जिद सहित पूरे परिसर का सर्वे होगा। कोर्ट कमिश्नर अजय मिश्र ही पूरी टीम का नेतृत्व करेंगे। इसी के साथ विशाल सिंह को विशेष कमिश्नर बनाया गया है। उनके साथ अजय प्रताप सिंह को भी शामिल किया गया है।

जानिए किस पक्ष ने अदालत में क्या कहा

मामले की सुनवाई के दौरान वादी पक्ष के वकील ने कोर्ट से अपील की कि चाबी जिस किसी के पास हो, उससे ज्ञानवापी मस्जिद का ताला तुड़वाएं व तहखाना खुलवाएं। कोर्ट कमीशन को अंदर प्रवेश करवाकर सर्वे पूरा कराया जाय। वहीं, विपक्षी वकील ने वर्ष 1937 के फैसले का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद का कोर्ट यार्ड वक्फ बोर्ड की प्रॉपर्टी है तो उसका सर्वे कैसे हो सकता है।

फैसले के खिलाफ अपील करेगा मुस्लिम पक्ष

नहीं बदले जाएंगे एडवोकेट कमिश्नर, जारी रहेगा सर्वे

अंजुमन इंतजामिया मसाजिद की ओर से अदालत में पैरवी कर रहे अधिवक्ताओं ने निचली अदालत के फैसले के खिलाफ उच्च अदालत में अपील करने का निर्णय लिया है। उन्होंने प्रतिवादियों के साथ मंथन करने के बाद कहा कि मुस्लिम पक्ष अदालत के फैसले से संतुष्ट नहीं है और नए सिरे से इस फैसले के खिलाफ जल्द अदालत में अपील की जाएगी।

जानिए क्या है मामला

गौरतलब है कि दिल्ली की पांच महिलाओं की ओर से आठ अप्रैल को मां शृंगार गौरी के दैनिक पूजन व दर्शन और अन्य विग्रहों को संरक्षित करने के लिए याचिका दायर की गई है। इसके बाद अजय कुमार मिश्र को एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त करते हुए ज्ञानवापी परिसर का सर्वेक्षण कर दस मई तक अदालत में रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया गया था। छह मई को कमीशन की कार्यवाही शुरू तो हुई पर पूरी नहीं हो सकी। इसके बाद अगले दिन अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने अदालत में प्रार्थना पत्र देकर एडवोकेट कमिश्नर बदलने की मांग कर दी।

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