India news(इंडिया न्यूज़),Religious censusदेश में जातीय जनगणना का मुद्दा अभी चल ही रहा है। इसी बीच अब धार्मिक जनगणना की बात सामने आ रही है। भारतीय जनता पार्टी के सांसद ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर, देश में धार्मिक जनगणना का कराने की मांग की है। आपको बता दें कि कन्नौज के भारतीय जनता पार्टी के सांसद सुब्रत पाठक ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है। उन्होंने अपने पत्र में लिखा है विभाजन के समय देश में केवल 7 प्रतिशत आबादी मुस्लीमों की थी।अब यह बढ़कर ज्यादा हो गयी है। जिसकी संख्या ज्यादा है उनसे अल्पसंख्य का दर्जा हटा लेना चाहिए। आज सात प्रतिशत के अलावा देश में 15 प्रतिशत मुस्लिमों की आबादी है।

रोहिंग्या और बंगलादेशी का भी किया जिक्र 

भाजपा सांसद ने कहा है कि 1947 में 93 प्रतिशत संख्या हिंनदूओं की थी। बीजेपी सांसद ने कहा है कि देश में सैकड़ों जीतियां है जो हिंदू समाज  में आती है। अब देश की आबादी लगभग 140 करोड़ के आस पास हो गयी है। पड़ोसी देशों से भारी तादात में अवैधरुप से रोहिंग्या, बंगलादेशी भारत में आकर रह रहे है और उनका वोटर कार्ड तक बन चुका है। इसलिए देश अब धार्मिक जनगणना कराने की जरूरत है।

200 से ज्यादा जिले  मुस्लिम बहुल्य 

भारतीय जनता पार्टी के सांसद ने अपने पत्र में लिखा है कि बिदेश से भारी भंड लेकर लोग अपना धर्म परिवर्तन कर रहे है। लव जिहाद के कारण कई प्रदेशों में मुस्लिमों की आबादी पहले से बढ़ी है। इस तरह की केस हमेशा देखने को मिल रहा है।उन्होंने आगे कहा की देश में 200 से अधिक ऐसे जिले है जहां मुस्लिमों संख्या सबसे ज्यादा है। कुछ लोग अल्पसंख्य कोटे के लिए योग्य नहीं है फीर भी वे इसका लाभ ले रहे है। भाजपा सांसद ने गृह मंत्री से कहा है कि “मैं आपसे मांग कर रहा हूं कि जाति जनगणना से पहले धार्मिक जनसंख्या की गणना हो ताकि पता चले कि देश भर से कुल अल्पसंख्यक समाज में मुस्लिम, ईसाई, सिक्ख, बौद्ध और पारसियों आदि की संख्या कितनी है और पिछले 25 साल से
इनकी वृद्धि का अनुपात क्या है।

यह भी पढ़े।