इंडिया न्यूज, नई दिल्ली, (Air Fortress Builders) : हवाई किले बनाने वाले नीतीश, केसीआर और ममता के सपनों पर कांग्रेस पानी फेरेगी। उक्त बातें जयराम रमेश ने कहीं। गौरतलब है कि नीतीश कुमार, केसीआर और ममता बनर्जी 2024 में भाजपा को चुनौती देने की तैयारी कर रहे हैं। इसे लेकर बीते दिनों नीतीश कुमार ने कहा था कि वह भाजपा के खिलाफ तीसरा मोर्चा नहीं बल्कि मुख्य मोर्चा बनाना चाहते हैं।
वहीं ममता बनर्जी ने कहा कि इस बार 2024 में बंगाल से खेला होगा। ये सभी नेता विपक्षी एकता का दावा कर रहे हैं लेकिन कांग्रेस नेता जयराम रमेश का बयान कुछ और ही इशारा कर रहा है। रमेश ने कहा है कि बिना कांग्रेस को आगे रखे विपक्षी एकता संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के बिना फ्रंट बनाने के योजना बनाने वाले केवल हवाई किला बना रहे हैं।
जयराम रमेश ने बिना किसी का नाम लिए कहा कि बहुत सारे क्षेत्रीय दल पहले भी अपने हित के लिए कांग्रेस की पीठ में खंजर भोंक चुके हैं। वे कांग्रेस को पंचिंग बैग समझ रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी गैरभाजपाई गठबंधन बिना कांग्रेस के पांच साल तक स्थायी सरकार नहीं दे सकता है। कांग्रेस को अलग करके कभी विपक्षी एकता संभव नहीं है।
गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी और टीएमसी ने पहले भी कांग्रेस को मुख्य भूमिका में रखने पर अपनी नाराजगी जताई थी। इन दोनों पार्टियों ने ही कई मुद्दों का हवाला देकर कांग्रेस का नेतृत्व स्वीकार नहीं किया। रमेश ने कहा कि हम पहले भी कह चुके हैं कि आम आदमी पार्टी भाजपा की ही बी टीम है। अगर आप इतिहास पर नजर डालें तो अपने आप पता चल जाएगा। टीएमसी के मामले में मैं कुछ नहीं कह सकता लेकिन मुझे लगता है कि उनके भी नाम में कांग्रेस है।
जयराम रमेश ने आगे कहा कि जो लोग बिना कांग्रेस के विपक्षी एकता की कल्पना कर रहे हैं वे केवल अपने आप को कमजोर कर रहे हैं और कांग्रेस को भी कमजोर करने की कोशिश करने में लगे हैं। जयराम रमेश ने कहा कि गठबंधन का मतलब होता है कि कुछ पाने के लिए कुछ देना भी पड़ता है। अब तक सबने कांग्रेस का फायदा उठाया है। फायदा लेने के बाद वे कांग्रेस पर ही बरसने लगते हैं। यह सब अब रुकना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारतीय राजनीति में कांग्रेस एक बड़ा हाथी है और कोई इसे किनारे नहीं कर सकता।
गौरतलब है कि कांग्रेस पार्टी 7 सितंबर से ‘भारत जोड़ो यात्रा’ शुरू की है। यह यात्रा केवल कांग्रेस की है। इससे स्पष्ट है कि इस यात्रा के जरिए कांग्रेस 2024 की तैयारी कर रही है। वहीं इस यात्रा में किसी और दल की जरा सी भी भूमिका नहीं है। इससे भी अंदाजा लगाया जा रहा है कि या तो कांग्रेस खुद को अलग रखना चाहती है या वह सभी दलों की अगुआई करना चाहती है। ताकि भाजपा को सबक सिखाया जा सकें।
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