होम / अब अजमेर शरीफ को लेकर कोर्ट में याचिका दायर, भड़के ओवैसी ने ऐसा क्या कहा जो मच गया बवाल, जानिए क्या है पूरा मामला?

अब अजमेर शरीफ को लेकर कोर्ट में याचिका दायर, भड़के ओवैसी ने ऐसा क्या कहा जो मच गया बवाल, जानिए क्या है पूरा मामला?

Raunak Kumar • LAST UPDATED : September 27, 2024, 1:59 pm IST

Ajmer Sharif Dargah: अब अजमेर शरीफ को लेकर कोर्ट में याचिका दायर

India News (इंडिया न्यूज), Ajmer Sharif Dargah: राजस्थान के अजमेर में सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह को भगवान श्री संकटमोचन महादेव मंदिर घोषित करने की मांग को लेकर कोर्ट में याचिका दायर की गई है। जिसको लेकर AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने सोशल मीडिया साइटएक्स पर पोस्ट किया है कि अजमेर में ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के खिलाफ अब एक मामला चल रहा है। जिसमें दावा किया गया है कि यह एक मंदिर है। उन्होंने आगे लिखा कि ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भारतीय मुसलमानों के लिए एक मार्गदर्शक प्रकाश बने हुए हैं। उनकी दरगाह निस्संदेह मुसलमानों के लिए सबसे अधिक देखी जाने वाली आध्यात्मिक जगहों में से एक है।

किरण रिजिजू से पूछे सवाल

AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू से अजमेर शरीफ दरगाह को मंदिर कहने पर सवाल किया। इस मुद्दे पर अल्पसंख्यक मंत्रालय का क्या रुख है? उन्होंने लिखा कि, क्या आप 1955 के दरगाह ख्वाजा साहब अधिनियम और 1991 के पूजा स्थल अधिनियम का समर्थन करेंगे? क्या आप इन कानूनों को लागू करेंगे? 1955 के अधिनियम के तहत एक लोक सेवक मोदी सरकार के वक्फ बिल की प्रशंसा कर रहा है। इस मामले में उनका क्या रुख है? वक्फ बिल हमारे पूजा स्थलों को अतिक्रमण और अपवित्रता के लिए असुरक्षित बना देगा।

शिगेरू इशिबा कांटे की टक्कर के बाद बने जापान के नए प्रधानमंत्री, इन पदों पर पहले भी दे चुके हैं सेवाएं

क्या है पूरा मामला?

बता दें कि हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने अपने वकील के माध्यम से सिविल जज की अदालत में याचिका दायर कर दरगाह को मंदिर घोषित करने की मांग की थी। गुप्ता ने अपने वकील के माध्यम से दावा किया था कि यह दरगाह मंदिर के खंडहरों पर बनी है। इसलिए इसे भगवान श्री संकटमोचन महादेव मंदिर घोषित किया जाना चाहिए। इसके अलावा याचिका में यह भी मांग की गई थी कि जिस अधिनियम के तहत दरगाह संचालित होती है उसे अमान्य घोषित किया जाए। हिंदुओं को पूजा करने का अधिकार दिया जाए और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को दरगाह को मंदिर घोषित करने के लिए कहा जाए।

विष्णु गुप्ता के वकील शशि रंजन ने बताया कि वादी ने दो साल तक शोध किया है और उनके निष्कर्ष हैं कि वहां एक शिव मंदिर था। सिविल जज की अदालत ने इस मामले की सुनवाई करने से इनकार कर दिया है और कहा है कि यह उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर है। मामले की अगली सुनवाई 10 अक्टूबर को होगी।

हरियाणा जीतने के लिए कांग्रेस में बनाया मेगा प्लान, इस रणनीति के तहत पार्टी लाएगी तूफान

Get Current Updates on News India, India News, News India sports, News India Health along with News India Entertainment, India Lok Sabha Election and Headlines from India and around the world.

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT