India News (इंडिया न्यूज),  Amit Shah in Lok Sabha Highlights: संसद के बजट सत्र का आज आखिरी दिन है। इस दौरान शनिवार को लोकसभा में अयोध्या में राम मंदिर पर चर्चा हो रही है।


05:40 PM, 10-FEB-2024

पीएम मोदी ने कहा कि, “आजादी के बाद 75 वर्षों तक हमारी न्याय व्यवस्था अंग्रेजों के बनाए नियमों से तय होती रही, लेकिन अब हमारी आने वाली पीढ़ियां गर्व से कहेंगी कि हम उस समाज में रहते हैं, जो दंड-संहिता नहीं, बल्कि न्याय सहिंता को मानता है।”


05:37 PM, 10-FEB-2024

हमने आतंकवाद के खिलाफ कड़े कानून बनाए हैं- पीएम मोदी

पीएम मोदी बोले, “पहले आतंकवाद नासुर बन कर देश के सीने पर गोलियां चलाते रहता था। मां भारती की धरा आए दिन रक्तरंजित हो जाती थी। देश के अनेक वीर आतंकवाद के कारण बलि चढ़ जाते थे। हमने आतंकवाद के खिलाफ कड़े कानून बनाए हैं।”


05:36 PM, 10-FEB-2024

बदलाव की तरफ देश तेज गति से आगे बढ़ा है-पीएम मोदी

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, “17वीं लोकसभा के पहले सत्र में दोनों सदन ने 30 विधेयक पारित किए थे। ये अपने आप में रिकॉर्ड है। इस कार्यकाल में बहुत सारे रिफॉर्म्स हुए हैं। 21वीं सदी के भारत की मजबूत नींव उन सारी बातों में नजर आती है। बदलाव की तरफ देश तेज गति से आगे बढ़ा है और सदन के सभी साथियों ने अपनी हिस्सेदारी निभाई है।”
05:34 PM, 10-FEB-2024

भारत अभूतपूर्व गति से आगे बढ़ा है-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि “लोकसभा का यह सत्र गेम चेंजर रहा। इस दौरान 21वीं सदी के भारत की नींव रखते हुए विभिन्न सुधार लागू किए गए हैं। भारत अभूतपूर्व गति से आगे बढ़ा है। मैं यह बात बहुत संतुष्टि के साथ कह सकता हूं कि जिन बदलावों का पिछली पीढ़ियों ने लंबे समय से इंतजार किया था, वे 17वीं लोकसभा के दौरान साकार हुए हैं।”


05:29 PM, 10-FEB-2024

तीन तालाक पर बोले पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि, “कितने उतार चढ़ाव से हमारी मुस्लिम बहनें तीन तलाक का इंतजार कर रहीं थी। अदलतों ने उनके पक्ष में निर्णय दिए थे, लेकिन उन्हें वो हक नहीं मिल रहा था। मजबूरियों से गुजारा करना पड़ता था। तीन तालाक से मुक्ति का और नारी शक्ति के सम्मान का काम 17वीं लोकसभा ने किया है।”

05:22 PM, 10-FEB-2024

भारत को पूर्ण रूप से आतंकवाद से मुक्ति का एक अहसास हो रहा है- पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि, “हमने आतंकवाद के विरुद्ध सख्त कानून बनाए। मुझे पक्का विश्वास है उसके कारण जो लोग ऐसी समस्या से जुझते हैं, उनको एक बल मिला है। भारत को पूर्ण रूप से आतंकवाद से मुक्ति का एक अहसास हो रहा है और वो सपना भी पूर्ण होकर रहेगा।”


05:19PM, 10-FEB-2024

अनुच्छेद-370 को लेकर कही यह बात

पीएम मोदी ने कहा, “17 वीं लोकसभा के माध्यम से कई काम पूरे हुए। अनेक पीढियों ने एक संविधान इसके लिए सपना देख था, लेकिन हर पल संविधान में वो दरार दिखाई देती थी। इसी सदन ने अनुच्छेद 370 हटाकर संविधान के पूर्ण रूप का प्रगतिकरण हुआ। जम्मू कश्मीर के लोगों को न्याय से वंचित रखा गया था। आज उन्हें भी न्यााय मिल रहा है।”


05:15 PM, 10-FEB-2024

पीएम मोदी ने सांसदों के वेतन में कटौती का किया जिक्र

कोरोना काल के दौरान सांसदों ने लोगों को संदेश देते हुए वेतन में 30% की कटौती करने का फैसला किया था। उन्होंने कहा कि मैं संकट के उस समय में अपना भत्ता छोड़ने के लिए सभी सांसदों की सराहना करता हूं।


05:10 PM, 10-FEB-2024

मानव जाति ने सदी का सबसे बड़ा संकट झेला: पीएम मोदी

पीएम मोदी ने लोकसभा में कहा कि पिछले 5 वर्ष में मानव जाति ने सदी का सबसे बड़ा संकट झेला, कौन बचेगा, कौन नहीं, कोई किसी को बचा पाएगा या नहीं…घर छोड़कर निकलना भी मुश्किल था, उसके बाद भी संसद बैठी, स्पीकर ने देश का काम रुकने नहीं दिया।


05:06 PM, 10-FEB-2024

लोकसभा अध्यक्ष की पीएम मोदी ने की तारीफ

17वीं लोकसभा के आखिरी दिन पीएम मोदी ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की खूब तारीफ की। उन्होंने कहा कि उन्होने बिरला को हर स्थिति में हमेशा मुस्कुराते हुए देखा।


04:57 PM, 10-FEB-2024

पीएम मोदी के पहुंचते ही लगे ‘जय जय श्रीराम’ के नारे

राम मंदिर पर चर्चा के लिए लोकसभा में पीएम मोदी के पहुंचते ही BJP सांसदों लगाए ‘जय जय श्रीराम’ के नारे लगाए। बीजेपी सांसदों का जोश काफी हाई है। कुछ ही देर में पीएम मोदी का भाषण का शुरू होगा।


02:29 PM, 10-FEB-2024

अमित शाह ने किया पलटवार

अमित शाह ने कहा कि आज किसी का जवाब नहीं दूंगा। मैं मन की बात और जनता के मन की बात देश के सामने रखना चाहता हूं। वह आवाज, जो वर्षों से अदालत के कागजों में दबी हुई थी। 22 जनवरी 2024 के बारे में भले ही कुछ लोग कुछ भी कहें, वह दिन दस सहस्त्र से भी ज्यादा वर्षों के लिए ऐतिहासिक दिन बना रहेगा।

आध्यात्मिक चेतना के पुनर्जागरण का दिन है 22 जनवरी

उन्होंने कहा कि 1528 से चल रही संघर्ष और अन्याय के खिलाफ लड़ाई की जीत का दिन है।  22 जनवरी 2024 का दिन समग्र भारत की आध्यात्मिक चेतना के पुनर्जागरण का दिन है। देश की कल्पना राम और राम चरित्र के बगैर नहीं हो सकते। राम और राम का चरित्र भारत के जनमानस का प्राण है। संविधान की पहली प्रति से लेकर महात्मा गांधी के आदर्श भारत की कल्पना तक राम का नाम लिया जाता रहा।

भारत की संस्कृति और रामायण को अलग करके देखा ही नहीं गया-शाह

उन्होंने कहा कि भारत की संस्कृति और रामायण को अलग करके देखा ही नहीं गया। कई भाषाओं, संस्कृतियों और धर्मों में रामायण का जिक्र है। कई सारे देशों ने रामायण को स्वीकारा और आदर्श ग्रंथ के रूप में प्रस्थापित किया है। राम और रामायण से अलग देश की कल्पना हो ही नहीं सकती। ये लड़ाई 1528 से लड़ी जा रही थी। दशकों तक लड़ाई चली। तकरीबन 1858 से कानूनी लड़ाई चल रही थी। 330 साल के बाद कानूनी लड़ाई का आज अंत आया है और रामलला अपने गर्भगृह के अंदर विराजमान हैं।

अमित शाह ने कहा कि आंदोलन से अनभिज्ञ होकर इस देश के इतिहास को पढ़ ही नहीं सकता। 1528 से हर पीढ़ी ने इस आंदोलन को वाचा दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समय में ही यह परवान चढ़ा और स्वप्न सिद्ध हुआ। राम जन्मभूमि का इतिहास लंबा है। राजाओं, संतों, निहंगों और कानून विशेषज्ञों ने इस लड़ाई में अपना योगदान दिया है। इन सभी योद्धाओं का आज हम विनम्रता से स्मरण करना चाहता हूं।

यह देश की चेतना की पुनर्जागृति का आंदोलन है-शाह

उन्होंने कहा कि गिलहरी की तरह कई लोगों ने अपना योगदान दिया। 1990 में जब आंदोलन ने गति पकड़ी, उससे पहले से ही भाजपा का देश की जनता को वादा था। हमने पालमपुर कार्यकारिणी के अंदर प्रस्ताव पारित करके कहा था कि राम मंदिर के निर्माण को धर्म से नहीं जोड़ना चाहिए। यह देश की चेतना की पुनर्जागृति का आंदोलन है। जब हम घोषणा पत्र में कहते थे कि राम मंदिर बनाना हो, तीन तलाक हटाना हो, समान नागरिक संहिता लाना हो, अनुच्छेद 370 हटाना हो, तो कहा जाता था कि भाजपा ऐसे ही वादा करती है। लोग कहते थे कि हम वोट हासिल करने के लिए ऐसा करते हैं। जब हम वादा पूरा करते हैं तो उसका भी विरोध करते हैं।

अमित शाह ने कहा कि भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी जो बोलते हैं, वो करते हैं। हम 1986 से कह रहे थे कि वहां भव्य राम मंदिर बनना चाहिए। कुछ लोग यहां प्रतिक्रिया दे रहे थे। मैं पूछना चाहता हूं कि क्या सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की खंडपीठ के फैसले से आप वास्ता रखते हैं या नहीं? आप फैसले से कैसे कन्नी काट सकते हैं? सुप्रीम कोर्ट के निर्णय ने भारत के पंथ निरपेक्ष चरित्र को उजागर किया है। दुनिया के किसी देश में ऐसा नहीं हुआ, जब बहुसंख्यक समाज ने अपनी आस्था का निवर्हन करने के लिए इतनी लबी लड़ाई लड़ी हो और इंतजार किया हो। हमने राह देखी है, लड़ाई लड़ी है। हवन में हड्डी नहीं डालनी चाहिए। साथ में जुड़ जाओ, इसी में देश का भला है।

2014 से 2019 तक लंबी कानूनी लड़ाई चली। निहंगों ने लड़ाई शुरू की थी। आडवाणी जी ने सोमनाथ से अयोध्या के लिए यात्रा निकाली, जनजागृति फैलाई। अशोक सिंघल जी इसे चरम सीमा पर ले गए और आखिर में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मोदी जी ने जनआकांक्षा की पूर्ति की। कोई एक देश अपने बहुसंख्यक समाज की धार्मिक विश्वास की पूर्ति के लिए धैर्य रखकर सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाता रहे, यह बात देश के लोकतांत्रिक इतिहास में लिखी जाएगी।


02:28 PM, 10-FEB-2024
ओवैसी ने साधा सरकार पर निशाना

सदन में AIMIM सांसद असदुद्दी ओवैसी ने कहा कि पीएम आज जब जवाब देंगे तो क्या सिर्फ हिंदुत्व से जुड़े लोगों को जवाब देंगे या 140 करोड़ लोगों को जवाब देंगे। ओवैसी ने कहा कि शिंदे गुट के नेता कह रहे हैं कि जब बाबरी मस्जिद ढहाई गई उस वक्त तत्कालीन पीएम नरसिम्हा राव पूजा कर रहे थे। उन्होंने कहा था कि उन्हें परेशान न किया जाए। आज मोदी सरकार उन्हीं को भारत रत्न दे रही है। मैं कहना चाहता हूं कि इंसाफ जिंदा है या जुल्म को बरकरार रखा जा रहा है। ओवैसी ने पूछा कि मैं सवाल पूछना चाहता हूं कि क्या भारत सरकार का कोई मजहब है। ये सिर्फ एक धर्म की सरकार है या सभी को साथ लेकर चलने वाली है।

ओवैसी ने कहा कि मैं बाबर-औरंगजेब का प्रवक्ता नहीं हूं। मैं मर्यादा पुरुषोत्तम राम की इज्जत करता हूं, लेकिन मेरी नस्लें गोडसे से नफरत करती रहेंगी। अपनी बात खत्म करते हुए ओवैसी ने कहा कि बाबरी मस्जिद जिंदा थी, है और रहेगी।


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