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India News (इंडिया न्यूज़), Maneka Gandhi: बीजेपी ने उत्तर प्रदेश की सुल्तानपुर लोकसभा सीट से मेनका गांधी को एक बार फिर बतौर कैंडिडेट मैदान में उतारा है। पूर्व महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी 2019 में इस सीट पर जीत दर्ज की थी। इस सीट पर 2019 से पहले इनके बेटे वरूण गांधी चुनाव लड़ते थे। बता दें, लेकिन इस बार बीजेपी ने वरूण गांधी को टिकट नहीं दिया है। चलिए जानतें हैं मेनका गांधी के जीवन से जुड़े कुछ रोचक फैक्ट्स…
मेनका गांधी का जन्म 26 अगस्त 1956 को दिल्ली में अमरदीप कौर आनंद और लेफ्टिनेंट कर्नल तरलोचन सिंह आनंद के घर हुआ था। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा लॉरेंस स्कूल, सनावर से पूरी की और हायर एजुकेशन दिल्ली के लेडी श्री राम कॉलेज से हासिल की। उन्होंने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में जर्मन भाषा का भी अध्ययन किया।
वह पहली बार 1973 में तत्कालीन प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी के बेटे संजय गांधी से मिलीं। एक साल बाद, उन्होंने शादी कर ली।
1980 में, जब मेनका गांधी 23 वर्ष की थीं तब संजय गांधी की एक विमान दुर्घटना में मृत्यु हो गई। उस वक्त उनके बेटे वरुण गांधी सिर्फ तीन महीने के थे।
मेनका गांधी ने 1983 में आज़मगढ़ के राजनेता अकबर अहमद के साथ राष्ट्रीय संजय मंच की स्थापना की। उन्होंने 1984 में अमेठी से राजीव गांधी के खिलाफ एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में अपना पहला लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन असफल रहीं। 1988 में वह वीपी सिंह की जनता दल पार्टी में शामिल हुईं और महासचिव बनीं। 1989 में, वह जनता दल के टिकट पर पीलीभीत से लोकसभा के लिए चुनी गईं, इस सीट का उन्होंने छह बार प्रतिनिधित्व किया।
मेनका गांधी, जिन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में मंत्री के रूप में कार्य किया, 2004 में औपचारिक रूप से भाजपा में शामिल हो गईं। 2014 में, नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा के चुनावों में जीत के बाद, उन्होंने महिला और बाल विकास मंत्री का पद संभाला। 2019 में, उन्होंने सुल्तानपुर सीट से लोकसभा चुनाव जीता लेकिन उन्हें कोई मंत्रालय नहीं दिया गया। मेनका गांधी एक कुशल लेखिका, स्तंभकार और पशु अधिकार एक्टिविस्ट भी हैं।
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