Hindi News / Indianews / Asaduddin Owaisi The New Law Is Worse Than The British What Did Owaisi Say On Indias Three New Criminal Laws

'अंग्रेजों से बद्तर है नया कानून', भारत के Three New Criminal Laws पर ये क्या बोल गए Asaduddin Owaisi?

India News(इंडिया न्यूज), Asaduddin Owaisi: 18वें लोकसभा सत्र की शुरुआत होते ही देश में तीन नए कानून पारित किए गए हैं। आपको बता दें कि तीन आपराधिक कानूनों को पारित किया गया है। जिसपर विपक्ष लगातार हंगामा कर रहा है। इस बीच इंडिया न्यूज के सहयोगी मनोहर लाल केसरी ने AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी से […]

BY: Shalu Mishra • UPDATED :
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India News(इंडिया न्यूज), Asaduddin Owaisi: 18वें लोकसभा सत्र की शुरुआत होते ही देश में तीन नए कानून पारित किए गए हैं। आपको बता दें कि तीन आपराधिक कानूनों को पारित किया गया है। जिसपर विपक्ष लगातार हंगामा कर रहा है। इस बीच इंडिया न्यूज के सहयोगी मनोहर लाल केसरी ने AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी से बातचीत की और इन कानूनों पर उनकी राय ली। आइए इस खबर में हम आपको बताते हैं पूरी जानकारी।

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Asaduddin Owaisi

तीन आपराधिक कानून पर ओवैसी 

तीन आपराधिक कानूनों के लागू होने पर हमारे सहयोगी मनोहरलाल केसरी ने AIMIM चीफ से बात करने की कोशिश की। ओवैसी ने कहा कि, ये एक Rowlatt Act है, ये जनता के लिए खतरनाक मायनों में सामने आएगा। जिसपर सरकार को शक होगा, वो उसे आतंकवाद घोषित कर देंगे। ये कानून UAPA से भी ज्यादा खतरनाक है।

एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि ये नए वादे ‘लोगों की नागरिक स्वतंत्रता और अधिकारों के लिए खतरा’ हैं। उन्होंने कहा कि ये पुलिस को किसी के भी खिलाफ कार्रवाई करने की शक्ति देते हैं। उदाहरण के लिए, 20 दिसंबर 2023 को अपने भाषण में ओवैसी ने #CriminalLaws को ‘अलग अवतार’ में लागू करने का संकेत दिया था। उन्होंने कहा कि इस अपराध की सजा 3 साल से बढ़ाकर 7 साल करने का प्रस्ताव है।

देश की जनता के लिए खतरनाक 

आगे उन्होंने कहा कि आज #CriminalLaws लागू हो चुके हैं। उनके कार्यान्वयन में बड़ी समस्याओं के बावजूद, सरकार ने उन्हें हल करने के लिए कुछ नहीं किया है। ये वे मुद्दे थे जिन्हें मैंने उनके कार्यान्वयन का विरोध करने के लिए उठाया था। हैदराबाद लोकसभा सीट से AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने दावा किया था कि ये कानून देश के मुसलमानों, दलितों और आदिवासियों के लिए खतरा होंगे।

देश भर में 30% और अकेले उत्तर प्रदेश में 33% कैदी मुसलमान हैं। यह उल्लेखनीय है कि भारतीय न्यायिक संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम ब्रिटिश काल के लिए आरक्षित हैं: भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम का स्थान लेगी।

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ब्रिटिश से भी बत्तर कानून 

हमारे संवाददाता ने उनसे कहा कि ये कानून ब्रिटिश कानून को खत्म करके लाया गया है जिसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि ये ब्रिटिश कानून से भी बत्तर कानून लाया गया है।

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