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India News (इंडिया न्यूज), Bahraich Violence Update : बहराइच शोभायात्रा में हुई हिंसा के मुख्य आरोपी अब्दुल हमीद के परिवार को लेकर नहीं खबर सामने आई है। जानकारी के मुताबिक आरोपी अब्दुल के चार बेटों हैं, जिनमें से तीन बेटों को पुलिस ने पकड़कर जेल भेज दिया है। आरोपी अब्दुल का एक बेटा और हैं जो कि नेपाल में रहकर सोने-चांदी का बिसनेस करता है। हिंसा होने के बाद आरोपी अब्दुल हमीद भी अपने परिवार के साथ नेपाल भागने की फिराक में था। लेकिन पुलिस ने उसे और उसके तीन बेटों को समय रहते गिरफ्तार कर लिया। पुलिस अब अब्दुल के चौथे बेटे जोकि नेपाल में रहता है, उसके बारे में जानकारी जुटा रही है। असल में जो जानकारी सामने आ रही है, उसके मुताबिक अब्दुल के बड़े बेटे पिंटू का नेपालगंज में ससुराल है।
पूरा मामला 13 अक्तूबर का है, जब बहराइच के महराजगंज में 13 अक्तूबर को महसी तहसील में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान हिंसा हो गई। जांच में इस हिंसा का मुख्य आरोपी अब्दुल हमीद के रुप में सामने आया है।
जांच में हिंसा के दौरान प्रशासन की तरफ से लापरवाही की भी बात सामने आई है। इसी वजह से एएसपी ग्रामीण, एसडीएम महसी व एक नायब तहसीलदार पर गाज गिर सकती है। एसटीएफ प्रमुख की तरफ से भी लापरवाही होने का जिक्र किया है। ये खबर भी सामने आ रही है कि जब एसडीएम को हिंसा के बारे में फोन किया गया तो तो मौके पर जाने की बजाय उनके स्तर से पूछा गया कि कितने मरे हैं। इसके अलावा लापरवाही करने के चलते सीओ महसी को निलंबित किया जा चुका है। सीएम योगी को शनिवार को मामले की रिपोर्ट सौंपी गई है।
लोक निर्माण विभाग की तरफ से 13 अक्तूबर को महसी तहसील के महराजगंज हिंसा के मुख्य आरोपी अब्दुल हमीद सहित 23 लोगों के घरों पर शुक्रवार देर शाम ध्वस्तीकरण का नोटिस चस्पा किया गया था। बुलडोजर एक्शन का डर ऐसा है कि शनिवार को लोग अपने हाथों से ही घर व दुकान तोडने लगे। वहीं विभाग की तरफ से जानकारी दी गई हा कि महसी-सीतापुर मुख्य मार्ग चौड़ीकरण के लिए अतिक्रमण हटाया जा रहा है।
वहीं मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस और प्रशासन ने रामगोपाल मिश्रा के गांव की नाकाबंदी कर दी है। फिलहाल गांव में मीडियाकर्मियों के जाने पर भी रोक लगा दी गई हैं। पुलिस ने मुख्य चौराहों पर बैरीकेडिंग कर दी है। आने जाने वालों के आधार कार्ड चेक किए जा रहे हैं।
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