(दिल्ली) : बीबीसी की विवादास्पद डॉक्यूमेंट्री ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ पर देश से लेकर विदेश तक हंगामा मचा हुआ है। विदेश मंत्रालय बीबीसी की डॉक्युमेंट्री को ‘दुष्प्रचार का हिस्सा’ बताते हुए खारिज कर चुका है। साथ ही सरकार कह चुकी है इसमें निष्पक्षता का अभाव है तथा यह एक औपनिवेशिक मानसिकता को दर्शाता है। वहीं बीबीसी की विवादास्पद डॉक्यूमेंट्री मामले में एक नया मोड़ देते हुए भाजपा सांसद और अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने मंगलवार को ब्रिटेन के ब्रॉडकास्टर द्वारा पीएम मोदी और गुजरात दंगों पर बनी सीरीज को चीन से जुड़े हुआवेई से जोड़ा है।
बीजेपी सांसद जेठमलानी ने spectator.co.uk की एक रिपोर्ट को ट्वीट करते हुए लिखा है कि, ‘बीबीसी इतना भारत विरोधी क्यों है? क्योंकि इसे अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए चीन से जुड़ी कंपनी हुआवेई से पैसे की सख्त जरूरत है। उन्होंने बीबीसी को बिकाऊ बताया है। बीबीसी की डॉक्युमेंट्री को भाजपा नेता ने चीन से जुड़ी कंपनी हुआवेई के साथ नकद-प्रचार सौदा बताया है। भाजपा सांसद आगे लिखते हैं (बीबीसी एक फेलो ट्रैवलर, कॉमरेड? जयराम?) बता दें, फेलो ट्रैवलर का मतलब एक ऐसे व्यक्ति या संस्थान से है जो किसी विशेष समूह या राजनीतिक दल (विशेष रूप से कम्युनिस्ट पार्टी) का सदस्य नहीं है, लेकिन समूह के उद्देश्यों और उसके नीतियों के प्रति अपनी सहानुभूति रखता है।
बता दें, ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन (बीबीसी) की डॉक्युमनेत्री ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ दो भाग में है। बीबीसी ने दावा किया है उसकी डॉक्युमेंट्री 2002 के गुजरात दंगों से संबंधित कुछ पहलुओं की पड़ताल तथ्यों पर आधारित है। मालूम हो, बीबीसी ने अपने इस डॉक्युमेंट्री में गुजरात दंगो में तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी ली भूमिका पर सवाल उठाये हैं। वहीं, विदेश मंत्रालय ने बीबीसी की विवादित डॉक्युमेंट्री को ‘दुष्प्रचार का हिस्सा’ बताते हुए खारिज कर दिया था। विदेश मंत्रालय ने आगे कहा था बीबीसी की इस डॉक्युमेंट्री में निष्पक्षता का अभाव है तथा यह एक औपनिवेशिक मानसिकता को दर्शाती है। वहीं सरकार की और से भी इसे झूठ का पुलिंदा बताते हुए ख़ारिज कर दिया था।
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