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Ayodhya Ram mandir: प्राण प्रतिष्ठा से पहले 21,000 पुजारी करेंगे 'राम नाम' महायज्ञ, पढ़ें यज्ञ से जुड़ी जानकारी

Rajesh kumar • LAST UPDATED : January 11, 2024, 11:23 am IST
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Ayodhya Ram mandir: प्राण प्रतिष्ठा से पहले 21,000 पुजारी करेंगे 'राम नाम' महायज्ञ, पढ़ें यज्ञ से जुड़ी जानकारी

Ram Mandir

India News (इंडिया न्यूज),Ayodhya Ram mandir: राम मंदिर के अभिषेक समारोह से पहले, 14 जनवरी से 25 जनवरी तक अयोध्या में सरयू नदी के तट पर 1008 नर्मदेश्वर शिवलिंगों की स्थापना के लिए एक भव्य ‘राम नाम महायज्ञ’ आयोजित किया जाएगा।

नेपाल से 21,000 पुजारी पहुंचेंगे

सूत्रों ने कहा कि महायज्ञ का संचालन करने के लिए नेपाल से 21,000 पुजारी पहुंचेंगे, जिसमें से 1008 झोपड़ियों को पहले ही स्थापित किया जा चुका है, जिसमें एक भव्य यज्ञ मंडप भी शामिल है, जिसमें 11 परतों की छत है।

महायज्ञ का आयोजन आत्मानंद दास महात्यागी के द्वारा किया जाएगा

राम मंदिर से 2 किमी दूर सरयू नदी के रेत घाट पर 100 एकड़ में टेंट सिटी बसाई गई है। महायज्ञ का आयोजन आत्मानंद दास महात्यागी उर्फ नेपाली बाबा द्वारा किया जाएगा, जो अयोध्या के रहने वाले हैं लेकिन अब नेपाल में बस गए हैं। वे कहते हैं, ”मैं यह यज्ञ हर साल मकर संक्रांति के अवसर पर करता हूं, लेकिन इस साल, हमने राम मंदिर प्रतिष्ठा समारोह के मद्देनजर इसे बढ़ा दिया है।”

उनके मुताबिक, हर दिन 50,000 भक्तों के ठहरने की व्यवस्था की जा रही है और प्रति दिन लगभग 1 लाख भक्तों के लिए भोज का आयोजन किया जाएगा। महायज्ञ समाप्त होने के बाद 1008 शिवलिंगों को सरयू नदी में विसर्जित किया जाएगा।

जानें महायज्ञ से जुड़ी जानकारी

  • 17-25 जनवरी तक 24k श्लोकों के मंत्रोच्चार के साथ ‘हवन’
  • महायज्ञ के दौरान 17 जनवरी से रामायण के 24 हजार श्लोकों के जाप के साथ हवन शुरू होगा, जो 25 जनवरी तक चलेगा।
  • प्रतिदिन 1008 शिवलिंगों का पंचामृत से अभिषेक किया जाएगा और यज्ञशाला में बने 100 कुंडों में 1100 जोड़े राम मंत्रों के उच्चारण के साथ हवन करेंगे।
  • शिवलिंगों की नक्काशी के लिए मध्य प्रदेश की नर्मदा नदी से पत्थर लाए गए हैं। ”तराशी का काम 14 जनवरी से पहले पूरा हो जाएगा।”

बता दें, आत्मानंद दास महात्यागी कहते हैं, ”मेरा जन्म मंदिर शहर के फटिक शिला इलाके में हुआ था और मैं तपस्वी नारायण दास का शिष्य हूं,” उनका दावा है कि नेपाल राजा ने उनका नाम ‘नेपाली बाबा’ रखा था।

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