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India News (इंडिया न्यूज), Nitish Kumar: बिहार की राजनीति में भयंकर बवाल मचने वाला है। दरअसल बिहार से काफी चौंकाने वाली खबर आ रही है कि, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने बेटे निशांत कुमार को आगामी 2025 के विधानसभा चुनाव में उतार सकते हैं। इस खबर के सामने आने के बाद से राजनीतिक विश्लेषक ये कयास लगा रहे हैं कि, निशांत कुमार नीतीश कुमार की विरासत का स्वाभाविक विस्तार हो सकते हैं।
हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि, निशांत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इकलौते बेटे हैं और उनके सक्रिय राजनीति में आने की खबर से आरजेडी हैरान है। निशांत कुमार आमतौर पर राजनीतिक कार्यक्रमों में नजर नहीं आते हैं। पिता नीतीश कुमार के साथ निशांत को सार्वजनिक तौर पर बहुत कम मौकों पर देखा गया। लेकिन जब हाल ही में सीएम नीतीश कुमार अपने बेटे निशांत के साथ हरियाणा गए तो निशांत के भविष्य को लेकर चर्चाएं तेज हो गईं।
जनता दल यूनाइटेड के कुछ नेताओं ने पहले ही मांग उठाई थी कि निशांत कुमार को जदयू में सक्रिय किया जाए और इसके लिए उन्हें पार्टी में कोई पद दिया जाए। दरअसल, 73 वर्षीय नीतीश कुमार कभी भी “पार्टी के भीतर उठ रही मांगों” पर सहमत नहीं हुए, लेकिन ताजा घटनाक्रम के बाद कहा जा रहा है कि नीतीश स्थिति को देखते हुए सहमत हो सकते हैं। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, निशांत इसके बाद औपचारिक रूप से जेडीयू में शामिल होंगे। जेडीयू के पास दूसरी पंक्ति का कोई नेतृत्व नहीं है जो नीतीश कुमार की जगह ले सके।
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आपको जानकारी के लिए बता दें कि, बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर जेडीयू के सामने कई चुनौतियां हैं। खासकर लालू यादव और तेजस्वी यादव जैसे विपक्षी नेताओं को मात देने के लिए अगर नीतीश अपने बेटे को राजनीति में लाते हैं तो यह जेडीयू के लिए नई शुरुआत हो सकती है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक जेडीयू को बचाने के लिए नीतीश के पास यह आखिरी हथियार है, जो न सिर्फ लालू के खिलाफ लड़ाई में बढ़त दिलाएगा बल्कि जेडीयू में नेतृत्व संकट को भी खत्म करेगा और जेडीयू मजबूती से आगे बढ़ सकती है।
निशांत के राजनीति में आने की अटकलों ने आरजेडी खेमे में हलचल मचा दी है। आने वाले दिनों में बिहार की राजनीति को युवा नेतृत्व की जरूरत है। निशांत को सभी गुण विरासत में मिले हैं। हालांकि, आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी कहते हैं कि नीतीश कुमार चाहे जिसे भी लॉन्च करें, तेजस्वी आने वाले दिनों में सत्ता से बेदखल होने तक चैन से नहीं बैठेंगे क्योंकि बिहार की जनता तेजस्वी के नेतृत्व को स्वीकार कर चुकी है और नीतीश कुमार के बेटे को आने में समय लगेगा।
बिहार की राजनीति में युवा नेताओं का क्रेज दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। तेजस्वी यादव जैसे नेता को टक्कर देने के लिए जेडीयू को एक युवा चेहरे की जरूरत है। ऐसे में निशांत कुमार का राजनीति में आना जेडीयू के लिए फायदेमंद हो सकता है। अगर नीतीश अपने बेटे निशांत को राजनीति में लाते हैं तो तेजस्वी की राह मुश्किल हो सकती है। नीतीश कुमार लालू यादव को जवाब देते रहेंगे और तेजस्वी के युवा जोश का जवाब निशांत कुमार के पास होगा। तेजस्वी यादव 9वीं फेल हैं, जबकि निशांत ने अपने पिता की तरह इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की है, जिसका फायदा उन्हें भी मिलेगा।
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