संबंधित खबरें
‘कुछ लोग खुश है तो…’, महाराष्ट्र में विभागों के बंटवारें के बाद अजित पवार ने कह दी ये बड़ी बात, आखिर किस नेता पर है इनका इशारा?
कांग्रेस को झटका देने की तैयारी में हैं उमर अब्दुल्ला? पिछले कुछ समय से मिल रहे संकेत, पूरा मामला जान अपना सिर नोंचने लगेंगे राहुल गांधी
खतरा! अगर आपको भी आया है E-Pan Card डाउनलोड करने वाला ईमेल? तो गलती से ना करें क्लिक वरना…
मिल गया जयपुर गैस टैंकर हादसे का हैवान? जांच में हुआ चौंकाने वाला खुलासा, पुलिस रह गई हैरान
भारत बनाने जा रहा ऐसा हथियार, धूल फांकता नजर आएगा चीन-पाकिस्तान, PM Modi के इस मास्टर स्ट्रोक से थर-थर कांपने लगे Yunus
‘जर्सी नंबर 99 की कमी खलेगी…’, अश्विन के सन्यास से चौंक गए PM Modi, कह दी ये बड़ी बात, क्रिकेट प्रशसंक भी रह गए हैरान
India News (इंडिया न्यूज), UP By-Elections: लोकसभा चुनाव के बाद यूपी बीजेपी और उत्तर प्रदेश सरकार में एक अलग तरह की हलचल देखने को मिल रही है। चुनावी नतीजों के बाद उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक उठापटक का दौर देखने को मिला है। यूपी बीजेपी एक तरफ जहां संगठन, सरकार से बड़ा होने पर बहस छिड़ी हुई है तो वहीं दूसरी भाजपा के सहयोगी नेता भी असहज नजर आ रहे हैं।
हाल ही में यूपी में भाजपा की सहयोगी नेता चाहे वो अनुप्रिया पटेल हो या संजय निषाद, सभी अपने ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते नजर आए। वहीं भाजपा ने यूपी में उपचुनाव के पहले किसी भी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहती। आगामी उपचुनाव के पहले वह सहयोगी दलों को भी साधना चाहती है, इसके लिए उसने बकायदा प्लान भा बना कर तैयार कर लिया है।
जानकारी के मुताबिक भाजपा अपने सहयोगी दलों की सारी नाराजगी दूर करने के लिए एक नया सियासी फॉर्मूला तैयार किया है। भाजपा अपने, रूठे कार्यकर्ताओं को मनाने और अपने सहयोगी दलों से संबंध मजबूत रखने के लिए, प्रदेश में लंबे समय से खाली चल रहे निगम बोर्ड पार्षद, चेयरमैन और दर्जाधारी मंत्रियों की नियुक्ति करेगी। बता दें कि उत्तर प्रदेश में बहुत ही जल्द 10 सीटों पर विधानसभा का उपचुनाव होना है और इसे लेकर यूपी बीजेपी किसी भी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहती। क्योंकि लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद पार्टी अपने कार्यकर्ताओं के नाराजगी के खबरों को किफी गंभीरता से लिया है।
Delhi Airport पर सॉफ्ट टॉयज संग पहुंचा जर्मन नागरिक, जांच में दिखा कुछ ऐसा कि लोग रह गए हैरान
लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में भाजपा को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा था। उत्तर प्रदेश में 27 लोकसभा सीटों को गंवाने के बाद भाजपा अपने ही सहयोगी दलों के निशाने पर आ गई थी। क्योंकि इस चुनाव में सहयोगी दलों को भी भारी नुकसान हुआ था। लोकसभा चुनाव में हुए नुकासान की भरपाई की मांग वो उपचुनाव में ज्यादा से ज्यादा सीटें मांग कर करने की कोशिश कर रहे हैं। इन्हीं सब कारणों को देखते हुए भाजपा ने ये फैसला लिया है कि निगम बोर्ड पार्षद, चेयरमैन और दर्जाधारी मंत्रियों की नियुक्ति करेगा, जिसमें सहयोगी दलों को भी शामिल किया जाएगा।
भाजपा के इस नए सियासी फॉर्मूला के मुताबिक पार्टी ने क्षेत्रीय अध्यक्षों व प्रभारियों को नगर निगमों के पार्षद, नगर पालिका के सभासद व नगर पंचायतों के सदस्य के लिए कार्यकर्ताओं के नाम भेजने को कहा गया है। उन्हीं कार्यकर्ताओं के नाम भेजे जाएं जो जमीनी रूप से पार्टी के साथ जुड़े हों। यही संदेश सहयोगी दलों को भी भेजा गया है।
बिहार और राजस्थान में BJP ने किया बड़ा फेरबदल, इन्हें सौंपी कमान
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.