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इंडिया न्यूज, New Delhi News। अमेरिकी एयरोस्पेस (American Aerospace) की दिग्गज कंपनी बोइंग का नया स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट (Boeing’s new Starliner spacecraft) बिना अंतिरक्ष यात्री (astronaut) के पहली बार अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (Iss) में दाखिल हो गया है। यह कैप्सूल करीब चार से पांच दिन वहां रहेगा।
मिशन के जरिए बोइंग दुनिया को यह दिखाना चाहती है कि उसका स्पेसक्राफ्ट अंतरिक्ष यात्रियों को ले जाने के लिए तैयार है। नासा के कमर्शियल क्रू प्रोग्राम (NASA’s Commercial Crew Program) के हिस्से के रूप में क्रू-सक्षम सिस्टम की एंड-टू-एंड क्षमताओं का परीक्षण करने के लिए डिजाइन किए गए मिशन पर यह स्टारलाइनर का तीसरा प्रयास था। स्टारलाइनर कैप्सूल की आईएसएस के साथ डॉकिंग शुक्रवार को रात आठ बजकर 28 मिनट पर हुई।
गौरतलब है कि पहला प्रयास दिसंबर 2019 में किया गया था, जो साफ्टवेयर गड़बड़ियों की एक सीरीज के कारण विफल रहा था। इसके बाद पिछले साल अगस्त में कुछ प्रणोदक वाल्वों की खोज के बाद बोइंग न दूसरा प्रयास किया था। ये प्रणोदक ठीक से काम नहीं कर रहे थे, जिस कारण लिफ्टआफ से कुछ घंटे पहले उड़ान रोक दी।
बोइंग ने आईएसएस के लिए अपने स्टारलाइनर कैप्सूल की लॉन्चिंग एक महत्वपूर्ण बिना चालक वाली परीक्षण उड़ान है बोइंग ने जिसे कई वर्ष की विफलता के बाद लांच किया गया है।
यह परीक्षण काफी वक्त से पेंडिंग था, जिसे पहले साफ्टवेयर में कमी के कारण रोक दिया गया था। दूसरी और लांचिग के कुछ देर बाद ही बोइंग के स्टारलाइनर को आईएसएस के रास्ते में आगे बढ़ने में समस्याओं का सामना करना पड़ा था।
नासा का कहना था कि मिशन ट्रैक पर बना हुआ है। इस परीक्षण के जरिए बोइंग कंपनी अपनी ताकत दिखाना चाहती है और बताना चाहती है कि उसका स्पेसक्राफ्ट अंतरिक्ष यात्रियों के लिए सुरक्षित (Spacecraft safe for astronauts) है। मिशन सफल होने से बोइंग को जेटलाइनर बिजनेस में फायदा मिल सकता है।
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