संबंधित खबरें
सुहागरात पर दुल्हन का वर्जिनिटी टेस्ट करवाने पहुंचे ससुराल वाले, बहू ने जो किया…सपने में भी सोच नहीं सकते सास-ससुर
जान की बाजी लगाकर महाकुंभ की सुरक्षा कर रहे मुस्लिम जवान, कह दी ऐसी बात, लटक गया कट्टरपंथियों का मुंह
RG Kar के 'हैवान' के लिए फरिश्ता बन गईं ये 2 महिलाएं, जज के सामने सुनाई ऐसी घटना, फटी रह गई पूरे कोर्ट की आखें, सामने आई अंदर की बात
'भारत के स्वर्ग' में अचानक फटा मौत का दरवाजा, यहां कदम रखा तो दिखने लगेंगे यमराज, सरकार ने भी घबराकर उठाया बड़ा कदम
RG Kar Case में फिर हुई ममता बनर्जी की बेइज्जती? लाइमलाइट लूटने चली थी TMC…फिर CBI ने खोल दी पोल
'संस्कृत की पढ़ाई, रिटायर्ड फौजी लेंगे क्लास…' जाने कैसा होगा इस राज्य में खुलने वाला मॉडर्न मदरसा?
India News (इंडिया न्यूज़), Bombay High Court, मुंबई: बॉम्बे हाई कोर्ट ने बुधवार को मुंबई और आसपास के उपनगरीय क्षेत्रों के निगम अधिकारियों कड़ी फटकार लगाई। सड़को के गड्डे को नहीं भरने और सड़को का रखरखाव नहीं करने के लिए यह फटकार लगाई। याचिकाकर्ता रूजू ठक्कर ने कोर्ट को बताया कि मुंबई मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र के निगम अधिकारी गड्ढों के मुद्दे से संबंधित 2013 की जनहित याचिका (पीआईएल) में पारित उच्च न्यायालय के आदेश की अवमानना कर रहे थे।
उस आदेश में, सभी नगर निगमों और राज्य सरकार को फुटपाथों सहित सड़कों और सड़कों को अच्छी और उचित स्थिति में बनाए रखने का निर्देश दिया गया था। ठक्कर ने अदालत को सड़कों पर बढ़ती दुर्घटनाओं और कभी-कभी मौत का कारण बनने वाली हालिया तस्वीरें और समाचार रिपोर्टें दिखाईं।
CJI देवेन्द्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति आरिफ डॉक्टर की खंडपीठ सड़कों की खराब स्थिति के लिए भारी नारजगी जताई। कोर्ट ने कहा कि यह स्पष्ट अवमानना है। क्या ऐसा हर मानसून में होता है? ये निर्देश (2018 के फैसले में) अदालत द्वारा नहीं हैं, ये कानून द्वारा दिए गए कर्तव्य हैं। अब 5 साल हो गए, लेकिन आप गड्ढे नहीं हटा पाए। गड्ढों को खत्म करने के लिए 5 साल काफी नहीं हैं! एक सर्वेक्षण में 15 दिन लगते हैं।
पीठ ने 7 दिसंबर, 2022 के एक अन्य आदेश का हवाला दिया जिसमें कहा गया था कि यदि सड़कों पर गड्ढों या खुले मैनहोल/जल निकासी के कारण कोई मौत होती है तो संबंधित अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया जाएगा।
अदालत ने मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) के आयुक्त को भी तलब किया, जिसके अध्यक्ष मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे हैं। इन आयुक्तों को 11 अगस्त को सुबह 11:30 बजे अदालत में उपस्थित होकर यह बताने का निर्देश दिया गया था कि उन्हें 2018 के फैसले को नहीं मानने के लिए उत्तरदायी क्यों नहीं बनाया जाना चाहिए।
यह भी पढ़े-
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.