इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
नोएडा के निठारी कांड के मामले में सीबीआई कोर्ट की विशेष अदालत ने मुख्य आरोपी सुरेंद्र कोली को मौत की सजा और दूसरे आरोपी मोनिंदर सिंह पंधेर को देह व्यापार के मामले में दोषी पाए जाने पर 7 साल की सजा सुनाई है। दोनों मुल्जिम डासना जेल में पहले से ही कई मामलो में सजा भुगत रहे हैं।
हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन कई मामले
निठारी कांड में मुख्य अभियुक्त सुरेंद्र कोली को 13 मामलों में मौत की सजा और 3 मामलों में सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था। सिर्फ एक मामले में राष्ट्रपति द्वारा याचिका खारिज हो जाने के बाद मेरठ में फांसी दी जानी थी, लेकिन देरी होने के चलते सुप्रीम कोर्ट ने फांसी निरस्त कर दी थी। एक अन्य मामले में हाईकोर्ट ने फांसी में देरी मानते हुए सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया था। अभी भी कई मामले हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन हैं।
जानिए क्या था पूरा मामला
यह मामला साल 2006 का है। जब उत्तर प्रदेश के नोएडा में निठारी गांव की कोठी नंबर डी-5 से नरकंकाल बरामद हुआ था। कोठी के पीछे बह रहे नाले में से बच्चों के अवशेष बरामद किए गए थे। तभी से यह केस गाजिबाद की विशेष सीबीआई कोर्ट में चल रहा है। निठारी कांड चर्चाओं में आने के बाद से ही पुरे मामले को देशभर के लोगों के बीच फैलने में देर नहीं लगी। मानव शरीर के हिस्सों के कई पैकेट मिले थे। नरकंकालों को नाले में फेंका गया था। सुरेंद्र कोली जो उत्तराखंड का रहने वाला है। वह डी-5 कोठी में मोनिंदर सिंह पंढेर का नौकर था।