संबंधित खबरें
BJP की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने राहुल गांधी के खिलाफ दर्ज की FIR, कांग्रेस के शहजादे की बचकानी हरकत की वजह से पार्टी का हो रहा बेड़ा गर्क
MP Kartikeya Sharma ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की स्थिति को लेकर पूछे 3 सवाल, विदेश राज्य मंत्री ने दिए जवाब
संसद धक्का कांड को लेकर राहुल गांधी ने CCTV फुटेज जारी करने की रखी मांग
राहुल गांधी के खिलाफ बीजेपी ने इन गंभीर धाराओं में मामला कराया दर्ज, अगर दोषी पाए गए तो हो सकती है आजीवन कारावास की सजा, चली जाएगी सांसदी!
राहुल गांधी के धक्का कांड का सीसीटीवी…'वो हमपे हंस रहे थे, चिढ़ाया भी', खड़गे ने खोल कर रख दी अंदर की बात
मुसीबत में राहुल गांधी ने इस दिग्गज को बना लिया शील्ड? महिलाओं का गुस्सा देखकर खुद हो गए पीछे, काम नहीं आई कांग्रेस की सफाई
मदन गुप्ता सपाटू,ज्योतिर्विद्
Chaitra Navratri 2022 Know Kalash Sthapana Muhurat and Worship Method: चैत्र नवरात्र 2 अप्रैल 2022 से शुरू होंगे और इसका समापन 11 अप्रैल 2022 को होगा. चैत्र नवरात्रि में मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा की जाती है. इस दौरान विधि विधान से मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा करने से भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण होती है. नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना की जाती है. नवरात्रि के 9 दिनों में शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, मां कुष्मांडा, स्कन्द माता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है.
Also Read: April Horoscope 2022 in Hindi नवसंवत् में सत्ता परिवर्तन और किसी बड़े नेता का अपदस्थ होना तय
Also Read: Chaitra Navratri 2022 : इस बार घोड़े पर सवार होकर आएंगी देवी मां
Chaitra Navratri 2022 Know Kalash Sthapana Muhurat and Worship Method
घटस्थापना मुहूर्त – 06:10 ए एम से 08:31 ए एम
अवधि – 02 घण्टे 21 मिनट्स
अवधि – 00 घण्टे 50 मिनट्स
घटस्थापना मुहूर्त प्रतिपदा तिथि पर है.
प्रतिपदा तिथि प्रारम्भ – अप्रैल 01, 2022 को 11:53 ए एम बजे
प्रतिपदा तिथि समाप्त – अप्रैल 02, 2022 को 11:58 ए एम बजे
प्रतिपदा तिथि, 02 अप्रैल, पहला दिन: मां शैलपुत्री की पूजा, कलश स्थापना
द्वितीया तिथि, 03 अप्रैल, दूसरा दिन: मां ब्रह्मचारिणी की पूजा
तृतीया तिथि, 04 अप्रैल, तीसरा दिन: मां चंद्रघंटा की पूजा
चतुर्थी तिथि, 05 अप्रैल, चौथा दिन: मां कुष्मांडा की पूजा
पंचमी तिथि, 06 अप्रैल, पांचवा दिन: देवी स्कन्दमाता की पूजा
षष्ठी तिथि, 07 अप्रैल, छठा दिन: मां कात्यायनी की पूजा
सप्तमी तिथि, 08 अप्रैल, सातवां दिन: मां कालरात्रि की पूजा
अष्टमी तिथि, 09 अप्रैल, आठवां दिन: देवी महागौरी की पूजा, दूर्गा अष्टमी
नवमी तिथि, 10 अप्रैल, नौवां दिन: मां सिद्धिदात्री की पूजा, राम नवमी
दशमी तिथि, 11 अप्रैल, दसवां दिन: नवरात्रि का पारण, हवन
Chaitra Navratri 2022 Know Kalash Sthapana Muhurat and Worship Method: नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है. ऐसा माना जाता है कि चंद्रमा, सभी भाग्य का प्रदाता, देवी शैलपुत्री द्वारा शासित होता है और चंद्रमा के किसी भी बुरे प्रभाव को आदि शक्ति के इस रूप की पूजा करने से दूर किया जा सकता है.
Also Read: 1st Navratri Maa Shailputri Quotes
Also Read: First Day Navratri Status 2022
नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है. ऐसा माना जाता है कि सभी भाग्य के प्रदाता भगवान मंगल, देवी ब्रह्मचारिणी द्वारा शासित हैं.
नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है. ऐसा माना जाता है कि शुक्र ग्रह देवी चंद्रघंटा द्वारा शासित है.
नवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा की पूजा की जाती है. ऐसा माना जाता है कि देवी कुष्मांडा सूर्य को दिशा और ऊर्जा प्रदान करती हैं. इसलिए भगवान सूर्य देवी कुष्मांडा द्वारा शासित हैं.
नवरात्रि के पांचवें दिन मां स्कंदमाता की पूजा की जाती है. ऐसा माना जाता है कि बुद्ध ग्रह देवी स्कंदमाता द्वारा शासित हैं.
नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है. ऐसा माना जाता है कि बृहस्पति ग्रह देवी कात्यायनी द्वारा शासित हैं.
नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा की जाती है. ऐसा माना जाता है कि शनि ग्रह देवी कालरात्रि द्वारा शासित हैं.
नवरात्रि के आठवें दिन मां महागौरी की पूजा की जाती है. ऐसा माना जाता है कि राहु ग्रह देवी महागौरी द्वारा शासित है.
नवरात्रि में नवमी तिथि यानी अंतिम दिन मां दुर्गा के नौवें स्वरुप मां सिद्धिदात्री का पूजन किया जाता है. इस दिन हवन के बाद कन्या पूजन किया जाता है.
चैत्र नवरात्रि पारण तब किया जाता है जब नवमी तिथि समाप्त हो जाती है और दशमी तिथि प्रबल होती है.
चैत्र नवरात्रि पारण सोमवार, अप्रैल 11, 2022 को
06:00 सुबह के बाद
नवमी तिथि प्रारम्भ – अप्रैल 10, 2022 को 01:23 ए एम बजे
नवमी तिथि समाप्त – अप्रैल 11, 2022 को 03:15 ए एम बजे
ग्रहों के इतनी अधिक संख्या में परिवर्तन दुनिया में किसी बड़े बदलाव की ओर इंगित कर रहे हैं। जिसके चलते कई जगहों पर पुरानी व्यवस्था समाप्त होने के साथ ही नई व्यवस्था के आने की संभावना है। मेष राशि में राहु का गोचर व्यवस्थाओं में पूरी तरह से परिवर्तन का है। जबकि तुला राशि में केतु का प्रवेश, सामाजिक व्यवस्थाओं मजबूती का कार्य कर सकता है।
अप्रैल महीने में सभी 9 महत्वपूर्ण ग्रह अपना राशि परिवर्तन करने जा रहे हैं। ग्रहों के राशि परिवर्तन का सिलसिला 7 अप्रैल से शुरू हो जाएगा, जब मंगल ग्रह मकर राशि से निकलकर कुंभ राशि में गोचर करेंगे। इसके 1 दिन बाद 08 अप्रैल को बुध मेष राशि में प्रवेश करेंगे। 12 अप्रैल को राहु-केतु अपनी राशि बदलेंगे । राहु उल्टी चाल चलते हुए मेष राशि में तो केतु तुला राशि में गोचर शुरू करेंगे ।
इस महीने 5 अप्रैल को मंगल और शनि का एक ही राशि में एक समान डिग्री में आना कुछ देशों में तनाव और आंतरिक उथल-पुथल मचा सकता है और किसी बड़ी प्राकृतिक आपदा की वजह भी बन सकता है। 30 अप्रैल को इस साल का पहला सूर्य ग्रहण भी लगेगा हालांकि यह भारत में दिखाई नहीं देगा लेकिन यूरोपीय देशों में इसका प्रभाव पड़ेगा। ग्रहों का यह बदलाव भारत की अर्थव्यवस्था और आईटी सेक्टर के लिए सुखद रहने वाला है।
सूर्य का अपनी उच्च राशि में गोचर सरकारी व्यवस्था से लाभ या सरकार को लाभ दर्शा रहा है वहीं ये शिक्षा, अनुसंधान, राजनीति के क्षेत्र में बड़े बदलाव की ओर इशारे कर रहा है। वहीं शनिवार 14 मई 2022 तक बन रही राहु और सूर्य की युति भी राजनीति के क्षेत्र में बड़े परिवर्तन का संकेत दे रही है। किसी उच्चस्तरीय राजनेता का राहु और सूर्य की यह युति इस्तीफा लेकर रहेगी।
इन ग्रहों के परिवर्तन का सर्वधिक प्रभाव तीन महीने के अंदर दिखेगा, इसका कारण यह है कि इसी समय दो ग्रहण लगेंगे जो पश्चिमी देशों में दिखाई देंगे। दरअसल 30 अप्रैल का सूर्य ग्रहण और 16 मई का चंद्र ग्रहण पश्चिमी देशों में स्पष्ट दिखाई देगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिन क्षेत्रों में ग्रहण दिखता है वहां इन ग्रहणों का नकारात्मक असर अवश्य पड़ता है। ऐसे में माना जा रहा है कि ग्रहों में इस बदलाव के फलस्वरूप पश्चिमी देशों में उथल-पुथल का माहौल दिख सकता है। शनि व मंगल की युति मई में किसी बड़े भूकंप की ओर इशारा करती दिख रही है। इन ग्रहण का भारत पर ज्यादा प्रभाव पड़ता नहीं दिख रहा है।
विपरीत परिस्थितियां में भी भारत उन्नति की ओर ही आगे बढ़ेगा। न्याय प्रणाली बेहतर होती दिख रही है। व्यापार में वृद्धि के चलते भारत की अर्थव्यवस्था बढ़ेगी। इस दौरान भारत को धन लाभ के कई अवसर मिलने के बीच ही कई लोगों का बड़े पैमाने पर पलायन भी हो सकता है। इस दौरान कुछ नए नियम कानून देश में बन सकते हैं। देश में इस दौरान कुछ हद तक प्राकृतिक आपदा की स्थिति महसूस की जा सकती हैं। मंगल की राशि में बुध का गोचर शेयर मार्केट में उथल-पुथल ला सकता है। दशम भाव में मंगल व शनि की युति भारत में नेतृत्व की क्षमता को दिखाएगी।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.