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Chaitra Navratri 2022 : इस बार घोड़े पर सवार होकर आएंगी देवी मां

Sameer Saini • LAST UPDATED : April 1, 2022, 11:47 am IST

Chaitra Navratri 2022

Highlights

  • बने रहेंगे युद्ध के हालात, यूक्रेन और रूस के बीच जारी रह सकती है लड़ाई
  • मां के हर वाहन का अलग-अलग है महत्व और प्रभाव
  • चैत्र नवरात्र पर मां घोड़े पर सवार होकर धरती पर आगमन करेगीं।
  • देवी मां का वाहन इस बार घोड़ा है
  • घोड़ा युद्ध की आशंका दर्शाता है
  • देवी मां के आने और जाने के वाहन अलग अलग होते हैं

नरेश भारद्वाज । कैथल

Chaitra Navratri 2022 नवरात्र में कुछ ही दिन बचे हैं। इस बार मां अंबे घोड़े पर सवार होकर आ रही हैं। हिंदू शास्त्र में मां जगदंबे के हर वाहन का अलग अलग महत्व बताया गया है। साल में दो बार आने वाले नवरात्र में हर बार मां नए वाहन पर धरती पर आगमन करती हैं और नए वाहन पर ही धरती से देवलोक को प्रस्थान लेती है। इन वाहनों का देश दुनिया और धरती पर बड़ा असर पड़ता है।

Also Read: Chaitra Navratri 2022 Know Kalash Sthapana Muhurat and Worship Method दो अप्रेैल से नव संवत 2079 और नवरात्र आरंभ

साल में कुल 4 नवरात्रि आती हैं, जिनकी शुरुआत चैत्र नवरात्रि से होती है। इन 9 दिनों के दौरान मां दुर्गा के 9 स्‍वरूपों की पूजा की जाती है। घट स्‍थापना की जाती है और आखिर में कन्‍या पूजन किया जाता है। मां दुर्गा को सुख, समृद्धि और धन की देवी माना जाता है। इस साल चैत्र नवरात्रि का महापर्व 2 अप्रैल 2022 से शुरू होगा और 11 अप्रैल 2022 तक चलेगा।

जानिए मां के वाहन क्या हैं और उनका देश दुनिया से क्या है संबंध

हिंदू धर्म में यूं तो देवी मां को हमेशा शेर पर ही सवार देखा गया है लेकिन नवरात्र के मौके पर मां अलग अलग वाहन पर सवार होकर धरती पर आती हैं। मां के वाहन हैं – डोली, नाव, घोड़ा, भैंसा, मनुष्य और हाथी।

दिन के आधार पर तय होता है मां का वाहन

  • अगर नवरात्र सोमवार या रविवार से शुरू हो रहे हैं तो मां का वाहन हाथी होता है।
  • अगर नवरात्र शनिवार या मंगलवार से शुरू होते हैं तो मां का वाहन घोड़ा होता है।
  • अगर नवरात्र गुरुवार या शुक्रवार से शुरू होते हैं तो मां डोली में बैठकर आती हैं।
  • अगर नवरात्र बुधवार से आरंभ हो रहे हैं तो मां नाव पर सवार होकर आती है।

मां के हर वाहन का है अलग प्रभाव और महत्व

मां के वाहनों का महत्व देवी भागवत के एक श्लोक के जरिए बताया गया है। –

शशिसूर्ये गजारूढ़ा शनिभौमे तुरंगमे।
गुरौ शुक्रे चदोलायां बुधे नौका प्रकी‌र्त्तिता ।।

अर्थात जब मां हाथी पर सवार होकर धरती पर आती हैं तो ज्यादा पानी बरसता है, घोड़े पर सवार होकर आती हैं तो युद्ध के हालात पैदा होते हैं, नौका पर सवार होकर आती हैं तो सब अच्छा होता है और शुभ फलदायी होता है। अगर मां डोली में बैठकर आती हैं तो महामारी, संहार का अंदेशा होता है। (Chaitra Navratri 2022 Tithi)

  • पालकी – शास्त्रों में ऐसा वर्णन है कि जब मां दुर्गा डोली पर सवार होकर आती हैं राजनैतिक उथल-पुथल की स्थिति बनती है। दुर्गा मां की इस सवारी में पालकी को चार लोग ले जाते हुए दिखाई देते हैं। इसका अर्थ है कि एक महामारी या प्रकोप की स्थिति है। इस वाहन पर मां दुर्गा के आगमन या प्रस्थान के संकेत को समझें तो जब तक मनुष्य एक-दूसरे की मदद नहीं करते और एकजुट नहीं होते, तब तक आने वाली महामारी से वे जूझते रहेंगे और जीवन की यात्रा कठिन होगी।
  • हाथी – यह शांति और समृद्धि का संकेत देता है, इसलिए मां दुर्गा का इस वाहन पर आगमन या प्रस्थान का मतलब है कि वे आपके जीवन को अच्छे कर्मों, आशीर्वाद, आपकी मेहनत और खुशियों से भर देंगी
  • नाव – नाव जल परिवहन का प्रतीक है. यह बाढ़ और अच्छी फसल दोनों का प्रतिनिधित्व करता है। मां दुर्गा के नाव पर आने का मतलब है कि वे आपकी हर इच्छा पूरी करेंगी
  • घोड़ा – घोड़ा विनाश का प्रतिनिधित्व करता है। इसका मतलब है कि देवी दुर्गा यदि घोड़े पर सवार होकर आ रही है, तो ये एक चेतावनी है। उनके रास्ते में आने वाली हर चीज विनाश का शिकार होगी साथ ही मां दुर्गा की घोड़े की सवारी देश में आंधी-तूफान जैसी प्राकृतिक आपदाएं आने, गृह युद्ध और सत्ता में उथल-पुथल के संकेत भी देती है।

मां के प्रस्थान के वाहन हैं अलग

Chaitra Navratri 2022

मां अलग वाहनों के जरिए धरती से प्रस्थान करती हैं। इस श्लोक के जरिए समझाया गया है –

शशि सूर्य दिने यदि सा विजया महिषागमने रुज शोककरा।
शनि भौमदिने यदि सा विजया चरणायुध यानि करी विकला।।
बुधशुक्र दिने यदि सा विजया गजवाहन गा शुभ वृष्टिकरा।
सुरराजगुरौ यदि सा विजया नरवाहन गा शुभ सौख्य करा॥

  • यानी रविवार या सोमवार को देवी मां भैंसे की सवारी से प्रस्थान करती हैं तो देश में रोग और शोक बढ़ता है।
  • शनिवार या मंगलवार को देवी मां मुर्गे पर सवार होकर जाती हैं तो जनता में दुख और कष्ट बढ़ता है।
  • बुधवार या शुक्रवार को देवी मां हाथी पर सवार होकर विदा लेती हैं तो ज्यादा बारिश ज्यादा होती है।
  • गुरुवार को मां दुर्गा मनुष्य की सवारी से जाती हैं और इसका तात्पर्य ये हुआ कि मनुष्यता बढ़ेगी, सुख शांति बनी रहेगी।

चैत्र घटस्थापना का शुभ मुहूर्त

Chaitra Navratri 2022

इस साल चैत्र घटस्थापना के लिए शुभ मुहूर्त 2 अप्रैल 2022, शनिवार की सुबह 06:22 बजे से 08:31 मिनट तक रहेगा। यानी कि कुल अवधि 02 घण्टे 09 मिनट की रहेगी. इसके अलावा घटस्थापना को अभिजित मुहूर्त दोपहर 12:08 बजे से 12:57 बजे तक रहेगा। वहीं प्रतिपदा तिथि 1 अप्रैल 2022 को सुबह 11:53 बजे से शुरू होगी और 2 अप्रैल 2022 को सुबह 11:58 पर खत्‍म होगी। (Chaitra Navratri 2022 Date list)

ऐसे करें कलश स्थापना

चैत्र नवरात्रि के पहले दिन सुबह जल्‍दी उठकर स्‍नान करके साफ कपड़े पहन लें। इसके बाद घर के मंदिर की साफ-सफाई करके जिस जगह पर कलस्‍थापना करना है, वहां गंगाजल छिड़कें। फिर लाल कपड़ा बिछाकर उस पर थोड़े चावल रखें। एक मिट्टी के पात्र में जौ बो दें। इस पात्र पर जल से भरा हुआ कलश स्थापित करें। कलश पर स्वास्तिक बनाकर इस पर कलावा बांधें। कलश में चारों ओर अशोक के पत्‍ते लगाएं।

फिर कलश में साबुत सुपारी, सिक्का और अक्षत डालें और एक नारियल पर चुनरी लपेटकर कलावा से बांधें। फिर इस नारियल को कलश के ऊपर पर रखते हुए देवी दुर्गा का आहवाहन करें। इसके बाद दीप जलाकर कलश की पूजा करें। ध्‍यान रखें कि कलश सोना, चांदी, तांबा, पीतल या मिट्टी का ही हो। कलश स्‍टील सा किसी अन्‍य अशुद्ध धातु का नहीं होना चाहिए। (Chaitra Navratri 2022 Ashtami date)

देवी मां के वाहन और उनके संकेत

Chaitra Navratri 2022

  • पालकी – शास्त्रों में ऐसा वर्णन है कि जब मां दुर्गा डोली पर सवार होकर आती हैं राजनैतिक उथल-पुथल की स्थिति बनती है। दुर्गा मां की इस सवारी में पालकी को चार लोग ले जाते हुए दिखाई देते हैं. इसका अर्थ है कि एक महामारी या प्रकोप की स्थिति है। इस वाहन पर मां दुर्गा के आगमन या प्रस्थान के संकेत को समझें तो जब तक मनुष्य एक-दूसरे की मदद नहीं करते और एकजुट नहीं होते, तब तक आने वाली महामारी से वे जूझते रहेंगे और जीवन की यात्रा कठिन होगी।
  • हाथी – यह शांति और समृद्धि का संकेत देता है, इसलिए मां दुर्गा का इस वाहन पर आगमन या प्रस्थान का मतलब है कि वे आपके जीवन को अच्छे कर्मों, आशीर्वाद, आपकी मेहनत और खुशियों से भर देंगी।
  • नाव – नाव जल परिवहन का प्रतीक है। यह बाढ़ और अच्छी फसल दोनों का प्रतिनिधित्व करता है. मां दुर्गा के नाव पर आने का मतलब है कि वे आपकी हर इच्छा पूरी करेंगी।
  • घोड़ा – घोड़ा विनाश का प्रतिनिधित्व करता है। इसका मतलब है कि देवी दुर्गा यदि घोड़े पर सवार होकर आ रही है, तो ये एक चेतावनी है. उनके रास्ते में आने वाली हर चीज विनाश का शिकार होगी. साथ ही मां दुर्गा की घोड़े की सवारी देश में आंधी-तूफान जैसी प्राकृतिक आपदाएं आने, गृह युद्ध और सत्ता में उथल-पुथल के संकेत भी देती है।

Also Read : Chaitra Navratri 2022 Date : 2 अप्रैल से नवरात्रे आरंभ

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