India News (इंडिया न्यूज), Chandigarh Mayor Election: चंडीगढ़ मतगणना विवाद में सख्त रुख अपनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह पर “चुनाव प्रक्रिया में हस्तक्षेप” के लिए मुकदमा चलाया जाना चाहिए। यह स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार है कि देश के मुख्य न्यायाधीश द्वारा एक रिटर्निंग अधिकारी से जिरह की गई है।
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Chandigarh Mayor Election
आप के तीन पार्षदों के भाजपा में शामिल होने के एक दिन बाद सोमवार को चुनाव में कथित अनियमितताओं पर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि जो “हॉर्सट्रेडिंग” चल रही है वह एक गंभीर मामला है। अदालत ने मंगलवार को मतपत्रों को जांच के लिए अपने पास लाने को कहा है। शुरुआत में यह प्रस्ताव देने के बाद कि नए सिरे से चुनाव कराने के बजाय वोटों की गिनती नए रिटर्निंग अधिकारी द्वारा की जानी चाहिए। अदालत ने कहा कि वह मतपत्रों की जांच के बाद इस मुद्दे पर फैसला करेगी।
30 जनवरी को मेयर चुनाव की गिनती के दौरान रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह ने आठ वोटों को अवैध घोषित कर दिया था। आप के मेयर पद के उम्मीदवार को भाजपा के मनोज सोनकर ने चार वोटों के अंतर से हरा दिया था। आप ने दावा किया था कि भाजपा के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के सदस्य श्री मसीह ने जानबूझकर वोटों को अमान्य कर दिया था।
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सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ ने कहा “मिस्टर मसीह, मैं आपसे सवाल पूछ रहा हूं। यदि आप सत्य उत्तर नहीं देंगे तो आप पर मुकदमा चलाया जाएगा। यह एक गंभीर मामला है। हमने वीडियो देखा है। आप कैमरे को देखकर और मतपत्रों पर क्रॉस का निशान लगाकर क्या कर रहे थे? आप निशान क्यों लगा रहे थे?” इस सावल पर उन्होंने स्वीकार किया कि उन्होंने आठ मतपत्रों पर क्रॉस (X) का निशान लगाया था। साथ ही मसीह ने जवाब दिया कि उन्होंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि जो मतपत्र विरूपित किए गए थे उन्हें अलग करना था।
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