होम / Chandrayaan-3: चंद्रयान-3 की सफल लॉन्चिंग पर पीएम मोदी ने किया खास ट्विट, भारतीय वैज्ञानिकों की सफलातओं का किया जिक्र

Chandrayaan-3: चंद्रयान-3 की सफल लॉन्चिंग पर पीएम मोदी ने किया खास ट्विट, भारतीय वैज्ञानिकों की सफलातओं का किया जिक्र

Mudit Goswami • LAST UPDATED : July 14, 2023, 6:40 pm IST

India News (इंडिया न्यूज़), Chandrayaan-3:  ISRO ने आज दोपहर 2:35 बजे चंद्रयान-3 की सफलतापूर्वक लॉन्चिंग की। चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) की लॉन्चिंग के लिए LVM3 हैवी रॉकेट का इस्तेमाल किया गया। लॉन्चिंग की शुरुआती प्रक्रिया जैसे रॉकेट के पृथक्करण और चंद्रयान-3 की चंद्रमा के ओर उचित दिशा में यात्रा का काम सक्सेसफुल रहा है। अब चंद्रयान-3 पृथ्वी से करीब 3.8 लाख किलोमीटर की दूर चंद्रमा की दूरी 40-45 दिनों मे पूरी करेगा। इसरो की माने  तो चंद्रयान-3 के लैंडर पार्ट की लैंडिंग 24 अगस्त को हो सकती है।

वहीं चंद्रयान की सफल लॉन्चिंग के बाद  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बधाई दी है। उन्होंने ट्विट करके लिखा,” चंद्रयान-3 ने भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक नया अध्याय लिखा। यह हर भारतीय के सपनों और महत्वाकांक्षाओं को ऊपर उठाते हुए ऊंची उड़ान भरता है। यह महत्वपूर्ण उपलब्धि हमारे वैज्ञानिकों के अथक समर्पण का प्रमाण है। मैं उनकी भावना और प्रतिभा को सलाम करता हूं।”

चंद्रयान-2 का किया जिक्र

उन्होंने लिखा, ‘चंद्रयान 2 के प्रमुख वैज्ञानिक परिणामों में चंद्र सोडियम के लिए पहला वैश्विक मानचित्र, क्रेटर आकार वितरण पर ज्ञान बढ़ाना, आईआईआरएस उपकरण के साथ चंद्र सतह के पानी की बर्फ का स्पष्ट पता लगाना और बहुत कुछ शामिल है। यह मिशन लगभग 50 प्रकाशनों में प्रकाशित हुआ है। चंद्रयान-2 भी उतना ही अग्रणी था क्योंकि इससे जुड़े ऑर्बिटर के डेटा ने पहली बार रिमोट सेंसिंग के माध्यम से क्रोमियम, मैंगनीज और सोडियम की उपस्थिति का पता लगाया था। इससे चंद्रमा के जादुई विकास के बारे में अधिक जानकारी भी मिलेगी।”

 चंद्रयान-1 ने की चंद्रमा में पानी की पुष्टी

पीएम ने चंद्रयान-1 की सफलता को याद दिलाते हुए ट्विट किया, ” चद्रयान-1  तक, चंद्रमा को एक हड्डी-सूखा, भूवैज्ञानिक रूप से निष्क्रिय और निर्जन खगोलीय पिंड माना जाता था। अब, इसे पानी और उप-सतह बर्फ की उपस्थिति के साथ एक गतिशील और भूवैज्ञानिक रूप से सक्रिय निकाय के रूप में देखा जाता है। हो सकता है कि भविष्य में इस पर संभावित रूप से निवास किया जा सके। उन्होंने आगे लिखा, ‘हमारे वैज्ञानिकों को धन्यवाद, अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत का इतिहास बहुत समृद्ध है। चंद्रयान-1 को वैश्विक चंद्र मिशनों में एक पथप्रदर्शक माना जाता है क्योंकि इसने चंद्रमा पर पानी के अणुओं की मौजूदगी की पुष्टि की है। यह दुनिया भर के 200 से अधिक वैज्ञानिक प्रकाशनों में प्रकाशित हुआ।’

यह भी पढे़े-

Get Current Updates on News India, India News, News India sports, News India Health along with News India Entertainment, India Lok Sabha Election and Headlines from India and around the world.

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

Lok Sabha Election: मेरी मां ने मुझे सिखाया हिंदू धर्म क्या है, प्रियंका गांधी ने बीजेपी पर किया कटाक्ष- Indianews
Aaj Ka Rashifal: आज इन राशियों की चमकेगी किस्मत, पैसों से भरी रहेगी आपकी जेब, जानें अपना राशिफल-Indianews
West Bengal: बंगाल के हावड़ा में तृणमूल कांग्रेस के पंचायत कार्यालय में गोलीबारी, 1 घायल- Indianews
CSIR UGC NET June 2024: सीएसआईआर यूजीसी नेट के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू, लास्ट डेट 21 मई-Indianews
Tamil Nadu: तमिलनाडु के सलेम में दो जाति समूहों के बीच झड़प, दुकानों को किया आग के हवाले- Indianews
Blood Cancer: बच्चों में कैसे पनपता है ब्लड कैंसर का खतरा, जानें ल्यूकेमिया के लक्षण और उपाय-Indianews
गुजरात में क्षत्रिय आंदोलन के बीच PM Modi जामनगर राजघराने से की मुलाकात, रूपाला ने की थी विवादित टिप्पणी- Indianews
ADVERTISEMENT