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Chandrayaan-3: चौथी ऑर्बिट पर सक्सेसफूल पहुंचा चंद्रयान-3, जानें अब तक कितनी दूरी की तय

Mudit Goswami • LAST UPDATED : July 20, 2023, 7:35 pm IST

India News (इंडिया न्यूज़), Chandrayaan-3: भारत का ऐतिहासिक मिशन चंद्रयान-3 पृथ्वी के बाहारी चौथी कक्षा तक पहुचने में सफल रहा है। इसरो (ISRO)  ने बताया कि चंद्रयान-3 को बाउंड पेरिगी फायरिंग से चौथी कक्षा पर सफलतापूर्वक पंहुचा दिया गया है। चंद्रयान मिशन की इस प्रक्रिया को इसरो टेलीमेट्री, ट्रैकिंग और कमांड नेटवर्क से हेंडिल किया जा रहा है। वहीं इसरो ने बताया कि चंद्रयान-3 को पृथ्वी की अगले बहारी कक्षा (5वी कक्षा) पर पहुंचाने के लिए अगली गोलीबारी 25 जुलाई, 2023 को दोपहर 2 से 3 बजे के बीच करने की योजना है। बता दें कि ये चंद्रयान मिशान के लिए पृथ्वी की अंतिम कक्षा भी होगी। 

गौरतलब है कि इससे पहले चंद्रयान-3 पृथ्वी के ऑबिट की पहली कक्षा में 15 जूलाई को पहुंचे में सफल रहा था। पृथ्वी के पहले ऑबिट में चंद्रयान की पृथ्वी से दूरी 41762 किमी x 173 किमी थी। वहीं 17 जुलाई को भारत का अंतरिक्ष यान दूसरी और 18 जूलाई को तीसरी कक्षा में पहुंचने में कामयाब रहा था। तीसरी ऑर्बिट तक चंद्रयान-3 51400 किमी x 228 किमी कक्षा पर था।

कब हुआ मिशन लॉन्च

चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग अध्यप्रदेश के श्री हरिकोटा से 14 जूलाई 2 बजकर 35 मिनट पर की गई था। इस मिशन के लिए इसरो अपने सबसे भारी रॉकेट LVM-3 को चुना था। इस रॉकेट की मदद से चंद्रयान-3 पृथ्वी के कक्ष पर स्थापित होने पर कामियाब रहा था। मिशन चंद्रयान-3 पृथ्वी से 384,400 किलोमिटर की दूरी 40 से 45 दिन में कवर करेगा। इसरो की माने तो 23 अगस्त को चद्रयान-3 चांद की धऱती पर उतरने पर सक्सेसफूल रहेगा।

बाकी स्पेस एजेंसियों के चांद पर पहुचने में लगते है 6 दिन 

दरअसल, इसरो के अलावा कई ऐसी स्पेस एजेंसिया हैं, जो अपने यान को 5 से 6 दिन के अंदर चंद्रमा तक पहुंचाने में सफल हो जाते हैं। हालांकि, करीब 4 लाख किलोमीटर की दूरी इतने काम समय में तय करने में काफी अधिक फ्यूल की जरुरत पड़ती है। जिस वजह से मिशन में काफी अधिक खर्च हो जाता है। वहीं इससे अलग भारत की स्पेस एजेंसी ISRO काफी कम बजट में अपने मिशन को अंजाम देती है। इस तरह के मिशन को सक्सेसफूल करने के लिए  ISRO पृथ्वी और चंद्रमा के गुरुत्वाकर्षण बल का सहयोग लेती है। चंद्रयान मिशन में यान सिधा चंद्रमा पर जाने के बजाए पृथ्वी और चंद्रमा के ऑबिटल में धूमता हुआ जाएगा।

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