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India News (इंडिया न्यूज), Two Chinese Companies Banned In India: भारत सरकार ने देश में लिथियम बैटरी आयात करने वाली दो बड़ी कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की है और एक तीसरी कंपनी की जांच कर रही है। यह फैसला चीन से भारत में घटिया क्वालिटी के पावर बैंक की बढ़ती बिक्री के कारण लिया गया है। इन पावर बैंक की क्षमता वास्तव में दावे की गई क्षमता से आधी या उससे भी कम है। हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि, भारतीय कंपनियां घटिया बैटरियां सस्ते दामों पर खरीदकर उन्हें ऊंचे दामों पर बेच रही हैं। इससे बाजार में उचित प्रतिस्पर्धा नहीं हो पाती और ग्राहकों को भी नुकसान होता है।
इस महीने की शुरुआत में बीआईएस ने दो चीनी बैटरी आपूर्तिकर्ताओं, गुआंगडोंग क्वासुन न्यू एनर्जी टेक्नोलॉजी और गंझू नोवेल बैटरी टेक्नोलॉजी का पंजीकरण रद्द कर दिया था। इन दोनों कंपनियों ने मिलकर भारत में इस्तेमाल होने वाली आधी से अधिक लिथियम बैटरियां सप्लाई की हैं। उद्योग सूत्रों के अनुसार, एक तीसरी कंपनी गंझू ताओयुआन न्यू एनर्जी की भी जांच की जा रही है। जानकारी के अनुसार, ये खबर सामने आ रही है कि, सरकार ने इन आपूर्तिकर्ताओं के खिलाफ इसलिए कार्रवाई की क्योंकि उन्होंने घटिया क्वालिटी के पावर बैंक बेचे। सरकार ने कुछ पावर बैंकों की जांच की और पाया कि इनमें से अधिकांश पावर बैंकों में वास्तव में वह क्षमता नहीं है, जिसका वे दावा कर रहे हैं।
उदाहरण के लिए, कुछ पावर बैंक 10,000 mAh की क्षमता का दावा करते हैं, लेकिन वास्तव में उनकी क्षमता केवल 4,000 से 5,000 mAh ही होती है। ये कंपनियां कुछ अच्छे पावर बैंक BIS को भेजती थीं ताकि उन्हें मान्यता मिल सके और वे अपने पावर बैंक को 10,000 mAh का घोषित कर सकें। लेकिन वास्तव में, ये कंपनियाँ भारत में कम गुणवत्ता वाले पावर बैंक बेच रही थीं। इन पावर बैंकों की वास्तविक क्षमता आधी या उससे भी कम थी। इससे ग्राहकों को नुकसान हो रहा था, क्योंकि वे ज्यादा पैसे देकर कम गुणवत्ता वाला उत्पाद खरीद रहे थे।
इन सस्ती बैटरियों की वजह से भारत में कम मशहूर ब्रैंड के पावर बैंक भी सस्ते हो गए हैं। एक अच्छे ब्रैंड के 10,000 mAh के पावर बैंक की कीमत 1000 रुपये से ज्यादा हो सकती है, लेकिन 600 रुपये से कम में कई सस्ते विकल्प उपलब्ध हैं। लेकिन इन सस्ते पावर बैंकों की वास्तविक क्षमता पर सवाल उठ रहे हैं।
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