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इंडिया न्यूज, नई दिल्ली :
CIABC Request to the Government : शराब कंपनियों के शीर्ष निकाय कनफेडरेशन आफ इंडियन अल्कोहलिक बेवरेज कंपनीज (सीआईएबीसी) ने सरकार से अनुरोध किया है कि घरेलू शराब उद्योग को समर्थन देने के लिए वह भारत और ब्रिटेन के बीच प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (FTA) के तहत ब्रिटिश शराब पर सीमा शुल्क दरों में धीरे-धीरे कटौती करे।
भारत और ब्रिटेन के बीच एफटीए को लेकर आधिकारिक वार्ता शुरू हो चुकी है। इस दौरान दोनों देशों के बीच जिन विभिन्न वस्तुओं का व्यापार होता है, उन पर शुल्क या तो घटाया जाएगा या पूरी तरह से खत्म कर दिया जाएगा।
सीआईएबीसी ने सुझाव दिया है कि सरकार यह सुनिश्चित करे कि ब्रिटेन विविध वस्तुओं से बनाई जाने वाली घरेलू व्हिस्की की बिक्री भारतीय व्हिस्की के रूप में करे।
संस्था ने वाणिज्य मंत्रालय को भेजे पत्र में यह भी कहा है कि व्हिस्की और रम के लिए न्यूनतम 3 वर्ष की अवधि पूरी होने की शर्त भी हटाई जानी चाहिए।
सीआईएबीसी के महानिदेशक विनोद गिरि के अनुसार राज्यों को मिलने वाले कर में अल्कोहल युक्त पेय पदार्थ उद्योग का योगदान 2.5 लाख करोड़ रुपए सालाना है।
यह उद्योग 20 लाख लोगों को रोजगार और 50 लाख किसानों को समर्थन देता है। CIABC Request to the Government
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