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India News (इंडिया न्यूज़),Chirag Paswan: लोक जनशक्ति पार्टी(राम विलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान ने राहुल गांधी की सदस्यता को लेकर कहा, राहुल गांधी की सदस्यता का जाना और वापस आना यह राजनीतिक विषय कभी रहा ही नहीं है। यह पूर्णत: न्यायिक प्रक्रिया का एक हिस्सा था। जब उन्हें सज़ा दी गई वह भी न्यायिक प्रक्रिया के तहत दी गई और सज़ा के बाद के प्रावधान में उनकी सदस्यता रद्द होने वाली थी जिस वजह से ऐसा हुआ। आज जैसे ही उनको मिली सज़ा पर रोक लगी तो सदस्यता फिर से बहाल कर दी गई। बता दें सुप्रीम कोर्ट द्वारा 4 अगस्त को ‘मोदी’ सरनेम टिप्पणी मामले में उनकी सजा पर रोक लगाने के बाद लोकसभा सचिवालय ने सोमवार को राहुल गांधी की सदस्यता बहाल कर दी।
#WATCH राहुल गांधी की सदस्यता का जाना और वापस आना यह राजनीतिक विषय कभी रहा ही नहीं है। यह पूर्णत: न्यायिक प्रक्रिया का एक हिस्सा था। जब उन्हें सज़ा दी गई वह भी न्यायिक प्रक्रिया के तहत दी गई और सज़ा के बाद के प्रावधान में उनकी सदस्यता रद्द होने वाली थी जिस वजह से ऐसा हुआ। आज जैसे… pic.twitter.com/9vYlRA9TdG
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 7, 2023
गौरतलब है सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक अंतरिम आदेश में टिप्पणी पर आपराधिक मानहानि मामले में गांधी की सजा पर रोक लगा दी। शीर्ष अदालत ने गुजरात उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली कांग्रेस नेता की अपील पर जुलाई में गुजरात सरकार और शिकायतकर्ता को नोटिस जारी किया। 24 मार्च को केरल के वायनाड से सांसद के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था।
13 अप्रैल 2019 लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान राहुल गांधी के कर्नाटक के कोलार में एक सभा को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा, “नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी। सभी चोरों का नाम ‘मोदी’ कैसे है?” भाजपा के पूर्व विधान सभा सदस्य (एमएलए) पूर्णेश मोदी ने उक्त भाषण पर आपत्ति जताते हुए दावा किया कि गांधी ने मोदी उपनाम वाले व्यक्तियों को अपमानित और बदनाम किया।
सूरत की मजिस्ट्रेट अदालत ने मोदी की इस दलील को स्वीकार कर लिया कि गांधी ने अपने भाषण से जानबूझकर ‘मोदी’ उपनाम वाले लोगों का अपमान किया है। मजिस्ट्रेट अदालत ने 23 मार्च 2023 को उनकी टिप्पणी के लिए उन्हें दोषी ठहराया। न्यायाधीश हदीराश वर्मा ने फैसला दिया था। सूरत की एक सत्र अदालत ने 20 अप्रैल को गांधी की उस याचिका को खारिज कर दिया था जिसमें मजिस्ट्रेट अदालत द्वारा उनकी सजा को निलंबित करने की मांग की गई थी। इस मामले में दोषी ठहराए जाने के कारण गांधी को लोकसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। 7 जुलाई को हाईकोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी थी।
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