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आरएसएस की तुलना तालिबान से करना हिंदू संस्कृति का अपमान, माफी मांगें जावेद : शिवसेना

India News Editor • LAST UPDATED : September 6, 2021, 7:21 am IST

इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
आरएसएस का लगातार विरोध करती आ रही शिवसेना ने एक मुद्दे पर उनका समर्थन किया है और जावेद अख्तर द्वारा राष्टÑीय स्वयंसेवक संघ (आएएसएस) की तुलना तालिबान से करन पर जावेद को माफी मांगने की बात कही है। शिवसेना ने कहा है कि संघ की तुलना तालिबान से करना हिंदू संस्कृति का अपमान करने के बराबर है। शिवसेना ने अपने समाचार पत्र ‘सामना’ में कहा है कि आज कल कुछ लोग तालिबान की किसी से भी तुलना करने लगे हैं। तालिबान समाज और मानवता के लिए बड़ा संकट है। चीन और पाकिस्तान जैसे देश उसका समर्थन कर रहे हैं, जो लोकतांत्रिक नहीं हैं। शिवसेना ने कहा कि हम लोकतांत्रिक देश में हैं, जहां लोगों की व्यक्तिगत आजादी का सम्मान किया जाता है। लेकिन आरएसएस की तुलना तालिबान से करना गलत है। भारत हर तरह से दूसरे देशों के मुकाबले सहिष्णु है। सामना के संपादकीय में शिवसेना ने कहा कि आरएसएस, वीएचपी जैसे संगठनों के लिए हिंदुत्व एक संस्कृति है।

जावेद ने टीवी चैनल पर दिया था बयान

बता दें कि आखिरी शुक्रवार एक न्यूज चैनल से बातचीत के दौरान जावेद अख्तर ने आरएसएस और वीएचपी की तालिबान से तुलना की थी। अख्तर ने कहा था कि जैसे तालिबान इस्लामिक स्टेट बनाना चाहता है, वैसे ही यहां भी कुछ लोग हैं, जो हिंदू राष्ट्र बनाना चाहते हैं। भले ये हिंदू, मुस्लिम, ईसाई या यहूदी हों। तालिबान जो कर रहा है, वह बर्बर है, लेकिन आरएसएस, वीएचपी और बजरंग दल का समर्थन करने वाले लोग भी वैसे ही हैं। इसके बाद शिवसने ने जावेद के बयान पर आपत्ति जताई और उनसे माफी की मांग की है। हालांकि शिवसेना के अखबार सामना ने जावेद अख्तर को एक मुखर व्यक्ति बताया है, जो मुस्लिम समाज के अतिवादियों के खिलाफ भी बोलते रहे हैं। लेकिन ये भी कहा है कि ताालिबान से संघ की तुलना को स्वीकार नहीं किया जा सकता।

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