India News (इंडिया न्यूज़), Parliamentary Committee Meeting, नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने विदेश मामलों की संसदीय सलाहकार समिति की बीते दिन शनिवार, 5 अगस्त को मीटिंग बुलाई थी। कांग्रेस नेता शशि थरूर समेत कुछ सांसद इस बैठक में शामिल नहीं हुए थे। जिसके बाद अब शशि थरूर ने इस बैठक में न शामिल होने के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। थरूर ने कहा कि सप्ताह के अंत में ऐसे वक्त पर ये बैठक बुलाई गई। जब ज्यादातर सांसद दिल्ली में नहीं रहते हैं।
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने आरोप लगाते हुए कहा कि जानबूझकर देर से निमंत्रण भेजा गया। ताकि कुछ सांसद इस बैठक में हिस्सा नहीं ले सकें। उन्होंने पार्टी की ओर से इस बैठक में न शामिल होने को लेकर किसी भी तरह का निर्देश दिए जाने से साफ इंकार किया। शशि थरूर ने कहा, “मुझे बैठक का बहिष्कार करने के लिए पार्टी से कोई निर्देश नहीं था।”
Parliamentary Committee Meeting
शशि थरूर ने कहा, “मैं इसमें शामिल होना पसंद करता, लेकिन जैसा कि आम है कि संसद सत्र के दौरान अधिकांश लोकसभा सांसद सोमवार से शुक्रवार तक दिल्ली में रहते हैं। सप्ताह के आखिर में हम अपने निर्वाचन क्षेत्रों में जाते हैं। ऐसे में संसद सत्र के दौरान इस तरह से बैठक आयोजित करने का मतलब है कि हमारे शामिल न होने की गारंटी। इसके अलावा निमंत्रण काफी देर से आया। ये इतना कम समय था कि केरल में उनके मौजूदा कार्यक्रमों में बदलाव का प्रयास भी असंभव था। यही वजह है कि वे बैठक में शामिल नहीं हो सके।”
विदेश मामलों की संसदीय सलाहकार समिति की बैठक अमेरिका और भारत के संबंधों में हुए हालिया घटनाक्रम व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया अमेरिकी यात्रा पर चर्चा के लिए बीते दिन शनिवार को बुलाई गई थी। कई राजनीतिक दलों के सांसद इस बैठक में शामिल हुए थे। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस (TMC) के सदस्य इस बैठक में नहीं शामिल हुए।
थरूर ने बताया कि अगर वह इस मीटिंग में शामिल होते तो वहां जाकर क्या करते। कांग्रेस नेता ने कहा, “प्रधानमंत्री की अमेरिका यात्रा को जिस तरह से बताया गया है, उसे सुनने में मेरी दिलचस्पी रहती। मेरा मानना है कि ये पार्टी की नीतियों से ऊपर है। मैंने ब्रीफिंग सुनी होती, तो उस पर टिप्पणी करता, लेकिन मैंने नहीं सुनी है। इसलिए इस पर कहने के लिए मेरे पास कुछ नहीं है।”
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