अजीत मैंदोला, नई दिल्ली: कांग्रेस की रविवार को हुई हल्ला बोल रैली से दो बाते साफ हो गई है। पहली बड़ी बात कि राजस्थान के मुख्य्मंत्री अशोक गहलोत अब कांग्रेस मे नंबर दो के नेता हो गये है। अब केवल इतना भर देखना कि राष्ट्रीय अध्य्क्ष बन राहुल गांधी के सारथी बनते है या बिना अध्य्क्ष बन यह भूमिका निभाते है। इस पर से सस्पेंस 30 सितंबर तक खत्म हो जायेगा। क्योंकी उस दिन नाम वापस लेने की अंतिम तारीख है। तब तक यह पता चल जायेगा कि नामकन किसने दाखिल किया।
यह लगभग तय माना जा रहा है कि राहुल या अशोक गहलोत में से कोई एक गांधी परिवार की तरफ से नामकन दाखिल करेगा। अगर असंतुस्ट नेताओं की तरफ से किसी ने नामंकन किया तो फिर 19 अक्टूबर को मतगणना के बाद नया अध्य्क्ष मिल जायेगा। गहलोत या राहुल में से जो भी नामंकन दाखिल करेगा वही कांग्रेस का नया अध्य्क्ष चुना जायेगा। एक चर्चा यह भी है कि पार्टी संदेश देने के लिये एक जन को और खड़ा करवा चुनाव भी करा सकती है। सोनिया गांधी भी एक बार जितेंद्र प्रसाद को चुनाव हरा अध्य्क्ष बनी थी।
पार्टी ऐसा दावा कर सकती है कि वह देश की पहली पार्टी है जहां पर लोकतान्त्रिक तरीके से अध्य्क्ष चुना जाता है। दूसरी सबसे महत्वपूर्ण बात अगर अंतिम समय में किसी प्रकार का कोई बदलाव नही हुआ तो अंतरिम अध्य्क्ष सोनिया गांधी अपने को राजनीति से पूरी तरह से साइड कर लेंगी। अगर राहुल अध्य्क्ष नही बने तो वह फिर सोनिया वाली भूमिका निभाते नजर आएंगे। ये सब तभी होगा जब अशोक गहलोत पार्टी के अध्य्क्ष बनते है। रामलीला मैदान की रैली समेत पिछले कुछ दिनों में कांग्रेस के अंदर जो कुछ भी हुआ उसमे गहलोत ही महत्वपूर्ण रोल में नजर आये।
रैली से एक दिन पहले दिल्ली पहुंचे नाराज माने जाने भूपेंद्र सिंह हुड्डा और अशोक च्व्हाण जैसे नेताओं को साधा। रैली के दिन मंच पर इन नेताओं ने भाषण दे राहुल के नेतृत्व पर भरोसा जताया। रैली के बाद अध्य्क्ष के चुनाव पर सवाल उठाने और खुद चुनाव लड़ने की बात करने वाले शशि थरूर को भी साधा। फिर गुजरात रैली की व्यवस्था देखने अहमदाबाद पहुंचे। वापस लोटे राहुल गांधी को साथ ले गये।दिल्ली के बाद वहाँ पर भी सफल रैली करवाई।
फिर मुंबई पहुंच पार्टी छोड़ने की संभावना वाले नेताओं को समझाया। फिर गुरुवार को कन्या कुमारी से शुरु हो रही राहुल की भारत जोड़ो यात्रा का प्रबंधन संभाला।दिल्ली रैली में गहलोत की दूसरे नंबर की हैसियत और उनकी भागदौड़ से तो यही माना जा रहा है कि राहुल गांधी अगर तैयार नही हुये तो वे ही पार्टी के नये अध्य्क्ष होंगे। करीब 23 साल बाद कांग्रेस की कमान गैर गांधी परिवार के हाथ होगी। इन 23 साल में राहुल गांधी केवल दो साल ही 2017 से 2019 तक ही अध्य्क्ष रहे।
2019 के लोकसभा चुनाव में हुई करारी हार के बाद राहुल ने अध्य्क्ष पद छोड़ गैर गांधी को कमान सौंपने पर जोर दिया था। तब किसी के नाम पर सहमति नही बनने पर सोनिया गांधी ने अंतरिम अध्य्क्ष के रूप में पार्टी को देखा। लेकिन राज्यों में लगातार हार, नेताओं का पार्टी छोड़कर जाना,बीजेपी का परिवार वाद को जोर देना यह ऐसे मामले है जिनको लेकर गांधी परिवार बहुत चिंतित है।
अध्य्क्ष के चुनाव की घोषणा के बाद राहुल गांधी ने फिर अध्य्क्ष बनने से इंकार कर पार्टी को भारी दुविधा में डाल दिया। सूत्रों की माने तो सोनिया गांधी ने भी पार्टी को साफ कर दिया कि बढ़ती उम्र और स्वास्थ्य के चलते वह अब इस जिम्मेदारी को नही संभालेंगी। ऐसे में फिर नये अध्य्क्ष की खोज हुई तो गांधी परिवार अशोक गहलोत के पक्ष में दिखा।उसकी सबसे बड़ी वजह यही है कि गहलोत ही आज के नेताओं में परिवार के सबसे भरोसे मंद माने जाते है।
लेकिन गहलोत खुद राहुल को अध्य्क्ष बनाने की बात करते है। उनकी तरफ से अध्य्क्ष का चुनाव होने तक ही राहुल को मनाने की रहेगी। नही माने तो गहलोत कमान संभालेंगे।उनके कमान संभालने का पहला असर कांग्रेस संगठन के साथ साथ राजस्थान से भी पड़ेगा । वे संगठन चलाने के कड़क मास्टर माने जाते हैं।निश्चित तोर से उनके आने से कांग्रेस बदलती दिखेगी। दो बाते चल रही है वह दोनो जिम्मेदारी संभाले जिससे राजस्थान में कांग्रेस की आसानी से वापसी हो सके। लोकसभा चुनाव के बाद वह छोड़ने का फैसला करे।
दूसरी कि वह अपनी पसंद के नेता को मुख्यम्न्त्रि पद की कमान सौंप दिल्ली से राजस्थान पर नजर रखें। यदि ऐसा होता है तो राजस्थान कांग्रेस की राजनीति में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। संगठन से लेकर मंत्रिमंडल में भी भारी बदलाव हो सकता है। कांग्रेस के एक बड़े धड़े का मानना है गहलोत के अध्य्क्ष बनने से बीजेपी को नये सिरे से रणनीति बनानी होगी। परिवारवाद का मुद्दा कुंद पड़ सकता है।हिंदी भाषी राज्यों में पार्टी को लाभ मिल सकता है। नये राजनितिक समीकरण बनेगे।जो कहीं ना कहीं कांग्रेस को फायदा पहुंचा सकते है।
ये भी पढ़े : घुसपैठ की कोशिश के दौरान पकड़े गए आतंकी की हार्ट अटैक से मौत
हमें Google News पर फॉलो करे- क्लिक करे !
Connect With Us : Twitter | Facebook | Youtube
India News (इंडिया न्यूज),Farmers Protest News: किसान एक बार फिर केंद्र सरकार से अपनी मांगों को…
Delhi BJP Headquarters: चुनाव परिणाम के रुझानों के बीच भारतीय जनता पार्टी के दिल्ली स्थित…
Benefits of figure card To Control Diabetes: आंक के पत्ते का यह उपाय एक पारंपरिक…
India News (इंडिया न्यूज़),UP By-Election: आज उत्तर प्रदेश में 9 सीटों पर उपचुनावों की वोटिंग…
India News (इंडिया न्यूज), Bihar Liquor Scam: बिहार में शराब माफिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई…
Herculum mentagazine: हमारी धरती कई तरह के अजूबों से भरी पड़ी है। इनमें से कुछ…