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India News(इंडिया न्यूज),Covishield Case: कोविशील्ड को लेकर बाते सामने आने के बाद से ही इस मामले ने तुल पकड़ रखी है। जहां वैक्सीन निर्माता एस्ट्राजेनेका द्वारा यह स्वीकार किए जाने के कुछ दिनों बाद कि उसकी कोविड-19 वैक्सीन एक दुर्लभ दुष्प्रभाव टीटीएस (थ्रोम्बोसिस विद थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम) पैदा कर सकती है। जिसके बाद एक युवती के माता-पिता जिसने वैक्सीन का भारतीय संस्करण कोविशील्ड दिया गया था उन्होने देश में कोविशील्ड विकसित और निर्मित करने वाली पुणे स्थित फर्म सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) के खिलाफ अदालत जाने का फैसला किया है।
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मिली जानकारी के अनुसार जुलाई 2021 में पीड़िता करुण्या की शॉट लेने के बाद मौत हो गई थी। हालांकि, केंद्र सरकार द्वारा गठित राष्ट्रीय समिति ने निष्कर्ष निकाला कि टीके से उनकी मृत्यु को जोड़ने वाले साक्ष्य “अपर्याप्त” थे। जिसके बाद नवीनतम खुलासों के मद्देनजर, पीड़िता के पिता वेणुगोपालन गोविंदन अब मुआवज़े की माँग करते हुए एक रिट याचिका दायर करेंगे, और अपनी बेटी की मौत की जाँच के लिए एक स्वतंत्र मेडिकल बोर्ड की नियुक्ति करेंगे।
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एस्ट्राजेनेका और सीरम इंस्टीट्यूट दोनों को वैक्सीन का निर्माण और आपूर्ति तब रोक देनी चाहिए थी, जब 15 यूरोपीय देशों ने वैक्सीन के रोलआउट के कुछ महीनों के भीतर ही मार्च 2021 में रक्त के थक्कों से होने वाली मौतों के कारण इसे या तो निलंबित कर दिया था या आयु-सीमा तय कर दी थी। इसके साथ ही गोविंदन ने यह भी कहा कि अगर मौजूदा मामले से “पर्याप्त उपाय” नहीं मिले तो वे और मामले दर्ज करेंगे। उन्होंने कहा, “न्याय की खातिर, हम उन अपराधियों के खिलाफ नए मामले दर्ज करेंगे, जिनकी वजह से हमारे बच्चों की मौत हुई।
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