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Chef Kunal Kapur: शेफ कुणाल कपूर को दिल्ली उच्च न्यायालय ने पत्नी की क्रूरता के मामले में दी तलाक की इजाजत

BY: Raunak Pandey • LAST UPDATED : April 2, 2024, 11:54 pm IST
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Chef Kunal Kapur: शेफ कुणाल कपूर को दिल्ली उच्च न्यायालय ने पत्नी की क्रूरता के मामले में दी तलाक की इजाजत

Chef Kunal Kapur

India News (इंडिया न्यूज़), Chef Kunal Kapur: दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार (2 अप्रैल) को मशहूर शेफ कुणाल कपूर को उनसे अलग रह रही पत्नी द्वारा की गई क्रूरता के आधार पर तलाक दे दिया। साथ ही कोर्ट ने कहा कि उनके प्रति महिला का आचरण गरिमा और सहानुभूति से रहित था। दिल्ली हाई कोर्ट ने तलाक से इनकार करने वाले पारिवारिक अदालत के आदेश को चुनौती देने वाली कुणाल कपूर की याचिका को स्वीकार कर लिया। साथ ही कोर्ट ने कहा कि यह कानून की स्थापित स्थिति है कि सार्वजनिक रूप से पति या पत्नी के खिलाफ लापरवाह, अपमानजनक, अपमानजनक और निराधार आरोप लगाना क्रूरता के बराबर है।

दिल्ली हाई कोर्ट ने दी तलाक की इजाजत

इस मामले पर सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि वर्तमान मामले के उपरोक्त तथ्यों के प्रकाश में हम पाते हैं कि अपीलकर्ता (पति) के प्रति प्रतिवादी (पत्नी) का आचरण ऐसा रहा है कि यह उसके प्रति गरिमा और सहानुभूति से रहित है। न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत और नीना बंसल कृष्णा की बेंच ने कहा कि जब एक पति या पत्नी का दूसरे के प्रति ऐसा स्वभाव होता है, तो यह विवाह के सार को अपमानित करता है। साथ ही इस बात का कोई संभावित वजह मौजूद नहीं है कि उसे एक साथ रहने की पीड़ा सहते हुए रहने के लिए मजबूर क्यों किया जाए। बता दें कि, इस जोड़े की शादी अप्रैल 2008 में हुई थी, वहीं साल 2012 में इस कपल ने एक बेटे का स्वागत किया था।

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जानें अदालत ने क्या कहा?

दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा कि कलह हर शादी का एक अपरिहार्य हिस्सा है, परंतु ऐसे झगड़े जीवनसाथी के प्रति अनादर और उपेक्षा का रूप ले लेते हैं, तो शादी अपनी पवित्रता खो देती है। अदालत ने आगे कहा कि यहां यह उल्लेख करना प्रासंगिक है कि शादी के दो साल के भीतर, अपीलकर्ता ने खुद को एक मशहूर शेफ के रूप में स्थापित कर लिया है, जो उसकी कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प का प्रतिबिंब है। पीठ ने कहा कि उपरोक्त तथ्यों पर विचार करते हुए, यह मानना ही विवेकपूर्ण है कि ये प्रतिवादी द्वारा अदालत की नजर में अपीलकर्ता को बदनाम करने के लिए लगाए गए आरोप मात्र हैं। ऐसे निराधार दावों का किसी की प्रतिष्ठा पर प्रभाव पड़ता है और इसलिए, यह क्रूरता के समान है।

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