Hindi News / Indianews / Delhi News Important Things About The Ordinance Issued Regarding Transfer And Posting Of Officers

Delhi News: अफसरों के ट्रांसफर और पोस्टिंग को लेकर जारी अध्यादेश की अहम बातें 

India News (इंडिया न्यूज़),नई दिल्ली, Delhi News: राजधानी में आला अफसरों के ट्रांसफर और पोस्टिंग को लेकर कुछ दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने अपना आदेश सुनाया था। लेकिन एक बार फिर स्थिती बदल गई है। आधी रात केंद्र सरकार का एक अध्यादेश आया जिसमें कहा गया है कि दिल्ली में अधिकारियों की ट्रांसफर और […]

BY: Priyanshi Singh • UPDATED :
ADVERTISEMENT

संबंधित खबरें

India News (इंडिया न्यूज़),नई दिल्ली, Delhi News: राजधानी में आला अफसरों के ट्रांसफर और पोस्टिंग को लेकर कुछ दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने अपना आदेश सुनाया था। लेकिन एक बार फिर स्थिती बदल गई है। आधी रात केंद्र सरकार का एक अध्यादेश आया जिसमें कहा गया है कि दिल्ली में अधिकारियों की ट्रांसफर और पोस्टिंग के लिए सिविल सर्विस अथॉरिटी बनेगी। दिल्ली के मुख्यमंत्री इस अथॉरिटी के चेयरमैन होंगे। अथॉरिटी में फैसले बहुमत के आधार पर होंगे। अगर उपराज्यपाल इस अथॉरिटी के फैसले से सहमत नहीं होते हैं तो वह इन फैसलों को पुनर्विचार के लिए दोबारा अथॉरिटी को भेज सकेंगे। इस तरह से देखें तो दिल्ली में उपराज्यपाल की ही चलेगी।

 अध्यादेश में क्या-क्या है?

Delhi News: अफसरों के ट्रांसफर और पोस्टिंग को लेकर जारी अध्यादेश की अहम बातें 

Arvind Kejriwal

  • दिल्ली में अधिकारियों की ट्रांसफर और पोस्टिंग के लिए सिविल सर्विस अथॉरिटी बनेगी।
  • दिल्ली के मुख्यमंत्री इस अथॉरिटी के चेयरमैन होंगे।
  • दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी इसके सदस्य होंगे। दिल्ली के गृह सचिव भी इसके सदस्य सचिव बनाए गए हैं।
  •  अथॉरिटी में फैसले बहुमत के आधार पर होंगे।
  • अगर उपराज्यपाल इस अथॉरिटी के फैसले से सहमत नहीं होते हैं तो वह इन फैसलों को पुनर्विचार के लिए दोबारा अथॉरिटी को भेज सकेंगे।
  •  हालांकि अगर अथॉरिटी दूसरी बार भी उपराज्यपाल को वही प्रस्ताव भेजती है तो उन्हें उसकी मंजूरी देनी होगी।
  • प्राधिकरण की सलाह पर केंद्र सरकार जिम्मेदारियों के निर्वहन के लिए इसके (प्राधिकरण के) लिए आवश्यक अधिकारियों की श्रेणी का निर्धारण करेगी और प्राधिकरण को उपयुक्त अधिकारी और कर्मचारी उपलब्ध कराएगी।
  •  मौजूदा किसी भी कानून के बावजूद राष्ट्रीय राजधानी लोक सेवा प्राधिकरण ‘ग्रुप-ए’ के अधिकारियों और दिल्ली सरकार से जुड़े मामलों में सेवा दे रहे ‘दानिक्स’ अधिकारियों के तबादले की सिफारिश कर सकेगा, लेकिन वह अन्य मामलों में सेवा दे रहे अधिकारियों के साथ ऐसा नहीं कर सकेगा।
  •  प्राधिकरण सभी मुद्दों पर फैसला उपस्थित और मतदान करने वाले सदस्यों के बहुमत से करेगा। सभी सिफारिशों का सदस्य सचिव सत्यापन करेंगे।
  • प्राधिकरण अपने अध्यक्ष की मंजूरी से सदस्य सचिव द्वारा तय समय और स्थान पर बैठक करेंगे।

सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया था ये फैसला

गौरतलब है इससे पहले 11 मई को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार के पक्ष में अहम फैसला सुनाया था। CJI चंद्रचूड़ की अगुवाई में सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की संविधान पीठ ने अपने फैसले में कहा था “एलजी के पास दिल्ली से जुड़े सभी मुद्दों पर व्यापक प्रशासनिक अधिकार नहीं हो सकते। एलजी की शक्तियां उन्हें दिल्ली विधानसभा और निर्वाचित सरकार की विधायी शक्तियों में हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं देती। अधिकारियों की तैनाती और तबादले का अधिकार दिल्ली सरकार के पास होगा। चुनी हुई सरकार के पास प्रशासनिक सेवा का अधिकार होना चाहिए। उपराज्यपाल को सरकार की सलाह माननी होगी। पुलिस, पब्लिक आर्डर और लैंड का अधिकार केंद्र के पास रहेगा।”

ये भी पढ़ें – RBI on 2000 Rupee Note: जानें क्यों लिए जा रहे हैं 2,000 रुपये के नोट वापस, ऐसे वापस कर सकते हैं नोट

Tags:

Arvind KejriwalcentreDelhidelhi newsLGOrdinanceSupreme court verdict

Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT