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चुनाव से पहले कुर्सी छोड़ने की परंपरा पुरानी, इसलिए अग्निपरीक्षा के नाम पर केजरीवाल बना रहे मिस्ट्री प्लान

Himanshu Pandey • LAST UPDATED : September 21, 2024, 2:26 am IST

Arvind Kejriwal

India News (इंडिया न्यूज),Delhi Politics: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अबकारी शराब नीति मामले में 177 दिन जेल में रहने के बाद रिहा हुए, जिसके बाद बाहर आते ही सीएम केजरीवाल ने अगले साल होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव की तैयारी तेज कर दी है। दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए सीएम केजरावाल का पहला दांव सीएम पद से  इस्तीफा देकर मंत्री आतिशी मार्लेना को मुख्यमंत्री बनाना माना जा रहा है।

अरविंद केजरावाल का इस्तीफा चुनावी दांव कैसे है इस बात को ऐसे समझिए कि आम आदमी पार्टी प्रमुख केजरीवाल के जेल में जाने के साथ ही दिल्ली विधानसभा के विपक्ष में बैठी बीजेपी ने लगातार इस्तीफा की मांग करने लगी थी, लेकिन केजरीवाल ने दिल्ली की बदहाल होती स्थिति से नजर फेरते हुए अपनी कुर्सी को बचाना ज्यादा उचित समझा और जैसे ही शराब नीति मामले में केजरीवाल को जमानत मिली उन्होंने सीएम पद से इस्तीफा देने का निर्णय ले लिया। इसके साथ ही केजरीवाल ने ऐलान किया कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में जब जनता पून: उन्हें चुनेगी तब वो  दिल्ली की सत्ता पर विराजमान होंगे।

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केजरावाल का दांव कितना सटीक

चलिए अब आपको केजरावाल के इस त्याग के पिछे के कारण के बारे में बताते है, जेल से बाहर आने के बाद केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दो दिन में इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया है। केजरीवाल ने कहा है कि आम आदमी पार्टी के विधायक नया मुख्यमंत्री चुनेंगे।

बीजेपी दिल्ली में पहले भी खेल चुकी है ये दांव

ये पहली बार नहीं है कि विधानसभा चुनाव से पहले किसी राजनीतिक पार्टी ने सीएम चेहरा बदलकर चुनावी दांव खेला हो। इससे पहले दिल्ली में ही 1998 के दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने सीएम बदलने का दांव खेला था। जी हां बीजेपी ने विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा को हटा दिया था और उनकी जगह सुषमा स्वराज को सीएम बनाया था।

जानकारी के लिए बता दें कि दिल्ली की पांचवीं और पहली महिला मुख्यमंत्री सुषमा 53 दिनों तक सीएम रहीं। बीजेपी ने सुषमा स्वराज के नेतृत्व में चुनाव लड़ा और पार्टी हार गई और दिल्ली में चुनाव से पहले सीएम चेहरा बदलने का बीजेपी का चुनावी दांव असफल रहा था। देखने वाली बात ये है कि इस बार के दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी का ये दांव कितना सफल और असफल रहने वाला है।

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हरियाणा में भी लगा है दांव

दिल्ली का पड़ोसी राज्य हरियाणा में बीजेपी ने हाल ही दो बार सीएम रहे मनोहर लाल खट्टर को पद से हटाकर नायब सैनी को सीएम पद सौंप कर 5 अक्टूबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए एक पासा फेंका है। यह बदलाव लोकसभा चुनाव से ठीक पहले हुआ और इसका सकारात्मक असर आम चुनाव के नतीजों पर देखने को नहीं मिला।

जी हां हरियाणा में बीजेपी को 10 लोकसभा सीटों में से पांच सीटों पर हार का सामना करना पड़ा। अब इस बात को आधार बनाया जाए को हरियाणा में इस समय विधानसभा चुनाव का महौल है और 5 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव होने है। राज्य में बीजेपी का यह कदम कितना सफल होता है, यह तो 8 अक्टूबर को पता चलेगा और आम आदमी पार्टी के इस निर्णय को लेकर भी कई सारे जवाब मिल जाएंगे।

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