संबंधित खबरें
‘कुछ लोग खुश है तो…’, महाराष्ट्र में विभागों के बंटवारें के बाद अजित पवार ने कह दी ये बड़ी बात, आखिर किस नेता पर है इनका इशारा?
कांग्रेस को झटका देने की तैयारी में हैं उमर अब्दुल्ला? पिछले कुछ समय से मिल रहे संकेत, पूरा मामला जान अपना सिर नोंचने लगेंगे राहुल गांधी
खतरा! अगर आपको भी आया है E-Pan Card डाउनलोड करने वाला ईमेल? तो गलती से ना करें क्लिक वरना…
मिल गया जयपुर गैस टैंकर हादसे का हैवान? जांच में हुआ चौंकाने वाला खुलासा, पुलिस रह गई हैरान
भारत बनाने जा रहा ऐसा हथियार, धूल फांकता नजर आएगा चीन-पाकिस्तान, PM Modi के इस मास्टर स्ट्रोक से थर-थर कांपने लगे Yunus
‘जर्सी नंबर 99 की कमी खलेगी…’, अश्विन के सन्यास से चौंक गए PM Modi, कह दी ये बड़ी बात, क्रिकेट प्रशसंक भी रह गए हैरान
India News (इंडिया न्यूज़), Festival Of Ideas, दिल्ली: ITV नेटवर्क की तरफ से 24 और 25 अगस्त, 2023 को देश की राजधानी दिल्ली में फेस्टिवल ऑफ आइडियाज (Festival Of Ideas) कॉन्क्लेव का आजोयन किया जा रहा है। इस कॉन्क्लेव में देश के तमाम क्षेत्रों के दिग्गज लोग अपने विचारों को देश की जनता के साथ साझा करेंगे। साथ ही लोगों के सवालों का जवाब भी देंगे। बीते दिन कई दिग्गजों ने जनता के साथ अपने विचारों को साझा किया।
इसी कड़ी में कथावाचक अश्विन संघी, कवि अभय कुमार शमिल हुए। अप्रा कुचल ने इस सत्र का संचालन किया। इस सत्र में सांस्कृतिक सॉफ्ट पावर में चर्चा हुई।
अश्विन संघी ने कहा कि 1947 के बाद से हम देखने लगे जैसा भारत सिर्फ एक जमीन का टुकड़ा है। अगर हम रामायण तो देखे 300 तरफ के रामायण है। मैं यह कहना (Festival Of Ideas) चाहता हूं यह कहना आसान है कि यह 300 तरफ तो यह झूठ है। मैं यह कहना चाहता हूं की यह सभी 300 राम के लिए लिखा जो हुए ही नहीं। मैं यह नहीं मान सकता।
लेखक अश्विन सांघी कहते हैं, 'संविधान की मूल प्रस्तावना में लेखकों ने 'धर्मनिरपेक्षता' को शामिल करना जरूरी नहीं समझा क्योंकि बहुलवाद हमेशा से प्रचलित रहा है।'#FestivalofIdeas #NewsX #IndiaNews #TheDailyGuardian #SundayGuardian #AishwaryaPanditSharma #IndiaNewsLive@ashwinsanghi… pic.twitter.com/BbNZdy2Lwl
— India News (@NetworkItv) August 25, 2023
लेखक अभय कुमार ने कहा कि इससे अच्छा (Festival Of Ideas) अपनी सांस्कृतिक दिखाने का क्या उदहारण हो सकता है जब भारत में जी-20 के कार्यक्रम हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में किए जाते है। एक सांस्कृतिक भारत और एक युवा भारत है।
Festival of Ideas Live: फेस्टिवल ऑफ आइडियाज के दूसरे दिन कवि अभय कुमार (@theabhayk) कहते हैं, 'कोविड-19 के दौरान, भारत की वैक्सीन आपूर्ति वसुधैव कुटुंबकम का व्यावहारिक उदाहरण है।'#FestivalofIdeas #NewsX #IndiaNews #TheDailyGuardian #SundayGuardian #AishwaryaPanditSharma… pic.twitter.com/OoHg28tcij
— India News (@NetworkItv) August 25, 2023
अश्विन संघी ने कहा कि हम सभी भारत में सनातन धर्म से आते है। इसे मानने का कोई एक तरीका है। अगर आप भक्ति में मानते है या आप शक्ति में मानते है। अगर आप शिवलिंग में भगवान मानते है या आप उसे पत्थर मानते, दोनों स्थिति में आपका स्वागत है। संविधान की मूल प्रस्तावना में लेखकों ने ‘धर्मनिरपेक्षता’ को शामिल करना जरूरी नहीं समझा क्योंकि बहुलवाद हमेशा से प्रचलित रहा है।
वही कवि अभय कुमार ने कहा कि जी-20 का ध्यय वाक्य है वसुधैव कुटुंबकम। वसुधा मतलब होता पृथ्वी। ऐसा विचार दुनिया में कहीं नहीं हो सकता है। जब हमारा संसद बन रहा था तो सेंट्रल हॉल में इसे लिखा गया। कोविड-19 के दौरान, भारत की वैक्सीन आपूर्ति वसुधैव कुटुंबकम का व्यावहारिक उदाहरण है।
यह भी पढ़े-
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.