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Earthquake Warning: उत्तरकाशी में आई दरारों को देखते हुए भारत में भूकंपविज्ञानी सतर्क हो गए है। वहीं तुर्किए-सीरिया में आए भयंकर भूकंपों के बाद एक प्रमुख भूवैज्ञानिक ने चेतावनी दी है कि भारत पर भी भूकंप का बड़ा खतरा मंडरा रहा है। हैदराबाद स्थित NGRI के प्रमुख वैज्ञानिक की माने तो भारतीय टेक्टोनिक प्लेट (Indian tectonic plate) के सरकने से हिमालयी क्षेत्र में भूकंप का खतरा बढ़ रहा है। यह प्लेट हर साल लगभग 5 सेमी आगे बढ़ रही है।
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक हैदराबाद स्थित नेशनल जियोफिजिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट (NGRI) के मुख्य वैज्ञानिक और भूकंपविज्ञानी डॉ. एन पूर्णचंद्र राव ने मंगलवार को कहा, ‘पृथ्वी की सतह में विभिन्न प्लेटें शामिल हैं जो लगातार गति में हैं। भारतीय प्लेट हर साल लगभग 5 सेमी आगे बढ़ रही है जिसके परिणामस्वरूप हिमालय पर तनाव बढ़ता जा रहा है और भारत पर बड़े भूकंप का खतरा मंडरा रहा है।’
उन्होंने कहा, ‘हमारे पास उत्तराखंड में 18 सिस्मोग्राफ स्टेशनों का एक मजबूत नेटवर्क है। इस क्षेत्र को हिमाचल और उत्तराखंड सहित नेपाल के पश्चिमी भाग के बीच भूकंपीय अंतराल के रूप में संदर्भित किया जाता है। भूकंप का बड़ा खतरा है जो किसी भी समय आ सकता है।’ बता दें कि नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी ने कहा कि सोमवार को रात 10.38 बजे धर्मशाला, हिमाचल प्रदेश से 56 किलोमीटर उत्तर में 3.6 तीव्रता का भूकंप आया। एजेंसी ने कहा कि भूकंप का केंद्र पृथ्वी की सतह से 10 किलोमीटर की गहराई में था।
डॉ. राव ने बताया कि उत्तराखंड में 18 भूकंप-लेखी केंद्रों का मजबूत नेटवर्क है। उत्तराखंड को शामिल करते हुए यह इलाका हिमाचल और नेपाल के पश्चिमी इलाके के बीच सेसमिक गैप के तौर पर जाना जाता है। यह क्षेत्र भूंकपों के मामले में संवेदनशील है और किसी भी समय यहां भूकंप आ सकता है। नेशनल सेंटर फॉर सेसमोलॉजी (एनसीएस) की जानकारी के अनुसार 20 फरवरी को हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला से 56 किलोमीटर उत्तर में 3.6 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया।
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