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‘EduTech-For-A-Cause’ First In Class launched
नई दिल्ली।
देश जब आजादी के 75वें साल में दाखिल हो गया है। इस वक्त भी बच्चों की एक बड़ी आबादी बुनियादी जरूरतों, खासकर शिक्षा से वंचित रह जाती है। इसके चलते देश बेहतरी और तरक्की के रास्ते पर उस रफ्तार से नहीं चल पाता जैसी उसकी क्षमता है।
इसलिए देश के शहीद जवानों, सुरक्षाकर्मियों के बच्चों, कोविड जैसी आपदा के शिकार लोगों के बच्चों और कमजोर तबके के जरूरतमंद बच्चों को आज की शिक्षा से जोड़ने का एक बड़ा अभियान शुरू किया जा रहा है। इस अभियान का नाम है फर्स्ट इन क्लास। आज की तारीख में फर्स्ट इन क्लास तकनीक के जरिए बच्चों को आधुनिक शिक्षा से जोड़ने का क्रांतिकारी कदम है। यह बीड़ा तीन संस्थाओं ने उठाया है रोटरी लिटरेसी मिशन, जस्टिस तन्खा मेमोरियल फाउंडेशन फॉर स्पेशल चिल्ड्रन और आईटीवी फाउंडेशन ।
इस अभियान के तहत बच्चों को ऑनलाइन एजुकेशन से जोड़ा जाएगा और एप का नाम होगा लर्निकेशन। बच्चों को एक लाख टेबलैट बांटे जाएंगे। जो लर्निकेशन एप से जुड़े होंगे। इस तरीके से बच्चों को आधुनिक शिक्षा आसान, वैज्ञानिक और सहज तरीके से दी जाएगी।
बुनियादी बात ये है कि देश के उन परिवारों के बच्चे जिनके पास साधन-संसाधन नहीं हैं, जो देश की तरक्की में चुनौती माने जाते हैं, उन्हीं बच्चों को आधुनिक शिक्षा से तैयार कर बुलंद भारत की बुलंद तस्वीर बनाने का एक बड़ा संकल्प लर्निकेशन है।
पहल के हिस्से के रूप में टैबलेट पीसी को आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों और सबसे ज्यादा जरूरतमंदों के बीच वितरित किया जाएगा। वे लनैर्केशन के अत्याधुनिक ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म से लैस होंगे और नर्सरी से बारहवीं कक्षा तक के पाठ्यक्रम पर कई भारतीय भाषाओं में सामग्री प्रदान करेंगे और एक लाख लाभार्थियों को लाइव शिक्षक सहायता प्रदान करेंगे।
नर्सरी से बारहवीं कक्षा तक के पाठ्यक्रम को सहयोग देने का मिशन ‘फर्स्ट इन क्लास’ का लॉन्च इवेंट 8 सितंबर को शाम 6 बजे न्यूजएक्स, इंडिया न्यूज और सभी प्रमुख आईटीवी नेटवर्क चैनलों और प्लेटफॉर्म पर लाइव स्ट्रीम किया गया। इस मौके पर मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस पहल का शुभारंभ किया। इसके साथ ही सम्मानित अतिथियों में शेखर मेहता (अध्यक्ष, रोटरी इंटरनेशनल), विवेक तन्खा, (राज्यसभा सांसद), कमल संघवी (चेयरमैन रोटरी इंडिया लिटरेसी मिशन), डॉ महेश कोटबागी (अतिरिक्त निदेशक, रोटरी इंटरनेशनल) कार्तिकेय शर्मा, संस्थापक, आईटीवी नेटवर्क ने भी लॉन्च में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
लॉन्च इवेंट में बोलते हुए, डॉ जितेंद्र ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साक्षरता के साथ-साथ शिक्षा दोनों को विशेष प्रोत्साहन दिया है और भारत की शिक्षा नीति को संशोधित करने के लिए एक क्रांतिकारी कदम उठाया है और एक नई शिक्षा नीति लेकर आए हैं कई नए आयाम जो 21वीं सदी में उभरते भारत की रूपरेखा में आवश्यकताओं के अनुकूल हैं।”
शेखर मेहता ने व्यक्त किया, हम अपने घरों में सुरक्षित रूप से बैठे हैं क्योंकि कुछ लोगों ने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी। उन्होंने अपना आज हमारे आने वाले कल के लिए दे दिया। अब समय आ गया है कि हम भी बदले में कुछ दें।
इस बीच, महेश कोटबागी ने कहा, “ज्ञान को विश्वकोश तक पहुंचने दें, विश्व समाचार दें, एनीमेशन दें, आडियो विजुअल प्रारूपों को हमारे बच्चों तक पहुंचने दें और उन्हें देश का सबसे स्मार्ट नागरिक बनाएं।”
विवेक तन्खा ने कहा, “भारत में कुछ बच्चे गरीब हैं और सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले भी एक सफल व्यक्ति बन सकते हैं। इनका व्यक्तित्व भी अच्छा होता है। हम इन बच्चों को पूरे देश से चुनते हैं। इस तरह करीब एक लाख बच्चों का चयन किया गया है। हम भारतीय स्वतंत्रता के इस 75वें वर्ष में एक टैब में ई-लर्निंग के कार्यक्रम को स्थापित करके ऐसे और बच्चों का चयन करना चाहते हैं और उन्हें अपना उपहार देना चाहते हैं। इसके अलावा, वे इसे उन बच्चों को देंगे जो अपनी शिक्षा के बाद इसका इस्तेमाल करते हैं। उन्हें बेहतर शिक्षा मिलेगी और वे इस विषय को बेहतर तरीके से समझ पाएंगे।
कमल सिंघवी ने कहा, शिक्षा अब विलासिता नहीं है, यह एक आवश्यकता है और हर बच्चे का जन्म अधिकार है। यदि आप चाहते हैं कि हमारा देश प्रगतिशील देश बने, यदि आप चाहते हैं कि हमारा देश विश्व में अग्रणी बने, तो यह नितांत आवश्यक है कि देश का प्रत्येक नागरिक पूर्ण रूप से साक्षर हो।
आईटीवी नेटवर्क के फाउंडर कार्तिकेय शर्मा ने कहा कि वे रोटरी लिटरेसी मिशन, जस्टिस तन्खा मेमोरियल फाउंडेशन फॉर स्पेशल चिल्ड्रन और आईटीवी फाउंडेशन की तरफ से सभी दर्शकों का धन्यवाद व्यक्त करते हैं। साथ ही उन्होंने केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह का आभार प्रकट किया और कहा कि लर्निकेशन के जरिए बच्चों का भविष्य संवारा जाएगा।
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