इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
European Union On Russia Ukraine Conflict रूस के यूक्रेन के खिलाफ लगातार आक्रामक रुख को देखते हुए यूरोपीय संघ (European Union) ने अगले कदम पर फैसले के लिए आज आपातकालीन शिखर सम्मेलन (emergency summit) बुलाया है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार यूरोपीय संघ के नेता इस दौरान यूक्रेन सीमा पर बनी मौजूदा स्थिति पर चर्चा करेंगे। यूरोपीय संघ परिषद के प्रमुख चार्ल्स मिशेल के हवाले से यह जानकारी दी गई है। रूस द्वारा यूक्रेन में दो क्षेत्रों को स्वतंत्र संस्थाओं के रूप में मान्यता देने के बाद यूरोपीय संघ ने यह बैठक बुलाई है।
रिपोर्टों के मुताबिक चार्ल्स मिशले ने कहा है कि हमें एकजुट व दृढ़ रहना जरूरी है। इसी के साथ हमें संयुक्त रूप के साथ अपने सामूहिक दृष्टिकोण व कार्यों को परिभाषित करना होगा। उन्होंने कहा कि बैठक में मुख्य रूस से हम नियम-आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था की रक्षा कैसे करते हैं इस मसले पर बातचीत करेंगे। इसके अलावा रूस से हम कैसे विहेव करते हैं। हम किस तरह यूक्रेन व उसके लोगों का समर्थन करेंगे, ऐसे मामलों में चर्चा करेंगे।
यूक्रेन ने कल रूस के आक्रामक रवैये को देखते हुए अपने देश में 30 दिन के आपातकाल की घोषणा कर दी है। उसने रूस से अपने सभी नागरिकों को वापस आने के निर्देश दिए हैं। उधर रूस ने कीव में अपना दूतावास खाली करने को कह दिया है। दोनों देशों के उक्त फैसलों का मुख्य कारण यह है पूर्वी यूक्रेन में संपर्क रेखा पर भारी संख्या में दोनों देशों की सेना तैनात हैं। यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की के हवाले से कहा गया है वह रूस के अगले कदम की भविष्यवाणी नहीं कर सकते हैं। उन्होंने कहा, यह अलगाववादी या रूसी राष्ट्रपति के व्यक्तिगत फैसले पर डिपेंट करता है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने भी आज यूक्रेन मामले में आपात बैठक (emergency meeting) बुलाई है। यूक्रेन की अपील पर आयोजित यह इमरजेंसी बैठक भारतीय समयानुसार अभी शुरू होने वाली है। यूक्रेन व रूस तनाव पर सप्ताह में यूएनएससी की यह दूसरी बैठक कै। बता दें कि दो दिन पहले 15 सदस्यीय परिषद की बैठक हुई थी।
तनाव के बीच रूस ने अमेरिका पर रूस को नाटो जैसे अन्य देशों की मदद से घेरने का आरोप लगाया है। यूक्रेन के खिलाफ अपने फैसले पर कायम भारत में रूसी दूतावास ने कहा है कि उसका कदम अंतरराष्ट्रीय नियमों के मुताबिक सही है। देश की राजधानी दिल्ली स्थित रूस के दूतावास ने कहा कि रूस के आत्मनिर्णय का सिद्धांत भी शामिल है। उन्होंने यह भी कहा है कि क्रीमिया के मामले में भी मास्को ने ऐसा ही किया था।
रूसी दूतावास ने कहा कि पश्चिमी देशों के साथ ही अमेरिका को भी कोई हक नहीं है कि वह रूस को अंतरराष्ट्रीय कानूनों के उल्लंघन का दोषी बताए। ऐसा करने का उनके पास कोई नैतिक अधिकार नहीं है। ये अक्सर एकतरफा पाबंदियों का इस्तेमाल कर घरेलू मामलों में दखल करते हैं और शासन परिवर्तन नीति का अभ्यास करके इंटरनेशनल नियम व व्यवस्था को गंभीर रूप से कमजोर करते हैं।
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