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Nambi Narayanan: पूर्व वैज्ञानिक नंबी नाराय़ण का बड़ा दावा, कहा- पूर्व की सरकारों को इसरो पर नहीं था भरोसा

India News (इंडिया न्यूज़), Nambi Narayanan, दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के पूर्व वैज्ञानिक नंबी नारायण की तरफ से कई खुलासे किए गए जो कांग्रेस पार्टी को असहज कर सकते है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों को इसरो पर भरोसा नहीं था। वह संस्थान को पर्याप्त बजट तक नहीं देते ते। नंबी नारायण का […]

BY: Roshan Kumar • UPDATED :
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India News (इंडिया न्यूज़), Nambi Narayanan, दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के पूर्व वैज्ञानिक नंबी नारायण की तरफ से कई खुलासे किए गए जो कांग्रेस पार्टी को असहज कर सकते है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों को इसरो पर भरोसा नहीं था। वह संस्थान को पर्याप्त बजट तक नहीं देते ते। नंबी नारायण का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

भारतीय जनता पार्टी की तरफ से इस बयान को पोस्ट किया गया है। नंबी नारायण इस वीडियो में कहते हुए दिख रहे है कि सरकारों ने तब तक इसरो को पैसा नहीं दिया तब तक उसने अपनी साख स्थापित नहीं कर ली। नारायण ने कहा, हमारे पास जीप तक नहीं थी। कार नहीं थी। हमारे पास कुछ भी नहीं था। इसका मतलब है कि हमें कोई बजट नहीं आवंटित था। केवल एक बस थी, जो शिफ्ट में चलती थी। शुरू के दिनों में ऐसा था।

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Nambi Narayanan

पीएम लेंगे क्रेडिट

उन्होंने कहा कि एपीजे अब्दुल कलाम के सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (एसएलवी-3) के निर्माण के दौर में बजट पूछा नहीं जाता था, बस दे दिया जाता था। ये बहुत मुश्किल था। मैं शिकायत नहीं करूंगा लेकिन उन्हें (सरकार) आप पर (इसरो) भरोसा नहीं था। पीएम के क्रेडिट लेने के बात पर उन्होंने कहा कि अगर इस तरह के नेशनल प्रोजेक्ट की बात होगी तो प्रधानमंत्री के सिवा और कौन क्रेडिट लेगा? आप भले प्रधानमंत्री को पसंद न करें, ये आपकी समस्या है, लेकिन आप उनसे क्रेडिट नहीं छीन सकते। आप प्रधानमंत्री को पसंद नहीं करते, इस वजह से उन्हें पोस्ट से नहीं हटा सकते।’

कौन हैं नंबी नारायण?

साल 1941 में एक तमिल परिवार में जन्में नंबी नारायण ने केरल के तिरुवनंतपुरम से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में एमटेक की डिग्री ली। आगे की पढ़ाई के लिए वे फेलोशिप पर अमेरिका की प्रिंसटन यूनिवर्सिटी चले गए। लौटने के बाद इसरो के साथ काम शूरू किया। उन्होंने विक्रम साराभाई, सतीश धवन और एपीजे अब्दुल कलाम जैसे दिग्गजों के साथ काम किया। नारायण को लिक्विड फ्यूल रॉकेट टेक्नोलॉजी की श्रेय दिया जाता है।

साल 1994 के दौरान नारायण पर जासूसी का आरोप लगा। आरोप था की उन्होंने दो बाहरी लोगों को जानकारी बेची। इसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया। हालांकि की साल 1996 में सीबीआई कोर्ट ने आरोप खारिच कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने केरल सरकार को मुआवजा देने का आदेश दिया। उन्हें 1.3 करोड़ का मुआवजा सरकार ने दिया। 2019 में उन्हें तीसरे सबसे नागरिक सम्मान पद्मश्री से सम्मानित किया। उनकी जिंगदी पर रॉकेट नाम की फिल्म भी बनी है।

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