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ndia News (इंडिया न्यूज), Manmohan Singh: देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार रात 26 दिसंबर को नई दिल्ली में निधन हो गया। वे 92 वर्ष के थे। मनमोहन सिंह ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) दिल्ली में अंतिम सांस ली। अस्पताल ने अपने बुलेटिन में कहा कि मनमोहन सिंह उम्र संबंधी बीमारियों के चलते इलाज करा रहे थे।
मनमोहन सिंह 22 मई 2004 से 26 मई 2014 तक दो बार देश के प्रधानमंत्री रहे। मनमोहन सिंह की छवि कम बोलने और चुप रहने वाले व्यक्ति की जरूर थी, लेकिन जब भी वे बोलते थे, सुर्खियां बटोरते थे। आज जब मनमोहन सिंह हमारे बीच नहीं हैं, तो उनके उन्हीं बयानों की चर्चा एक बार फिर हो रही है।
27 अगस्त 2012 को मनमोहन सिंह ने संसद में कहा था कि “मेरी खामोशी हजारों जवाबों से बेहतर है… पता नहीं मैंने कितने सवाल बचा रखे हैं।”
23 मार्च 2011 को तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह लोकसभा में विपक्ष के सवालों का जवाब दे रहे थे। इस दौरान विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने मनमोहन सिंह पर तंज कसते हुए कहा था, “इधर-उधर की बातें मत करो, ये बताओ कि कारवां क्यों लुटा, मुझे लुटेरों से कोई शिकायत नहीं, ये आपके नेतृत्व का सवाल है।” इसके जवाब में मनमोहन सिंह ने कहा था- “मैं मानता हूं कि मैं आपकी नजर के लायक नहीं हूं, आप मेरा जुनून देख सकते हैं, मेरा इंतजार देख सकते हैं।” मनमोहन सिंह ने कहा था, “मैं राहुल गांधी के लिए कुर्सी खाली करने को तैयार हूं। मुझे राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस के लिए काम करके बेहद खुशी होगी। 2014 के चुनावों के बाद राहुल गांधी प्रधानमंत्री पद के लिए आदर्श विकल्प होंगे।”
पीएम के तौर पर मनमोहन सिंह की आखिरी प्रेस कॉन्फ्रेंस भी चर्चा में है। 2014 में अपनी आखिरी प्रेस कॉन्फ्रेंस में मनमोहन सिंह ने अमेरिका के साथ परमाणु समझौते की घोषणा की थी। उस समय मनमोहन सिंह के सामने 100 से ज़्यादा पत्रकार बैठे थे। उस समय मनमोहन सिंह से पूछे गए सभी सवाल यूपीए सरकार पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों से जुड़े थे। उस प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मनमोहन सिंह ने 62 अनस्क्रिप्टेड सवालों के जवाब दिए थे।
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में मनमोहन सिंह ने अपनी आलोचना को लेकर कहा था कि भले ही उन्हें ‘कमज़ोर प्रधानमंत्री’ कहा जाता हो, लेकिन ‘इतिहास उनके प्रति मीडिया से ज़्यादा उदार होगा।’
9 दिसंबर 2006 को प्रधानमंत्री रहते हुए मनमोहन सिंह ने राष्ट्रीय विकास परिषद की बैठक में कहा, “अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदायों, पिछड़े वर्गों, अल्पसंख्यकों के लोगों के उत्थान के लिए संसाधन आवंटित किए जाने चाहिए। भारत को अल्पसंख्यकों, विशेष रूप से मुस्लिम अल्पसंख्यकों के विकास की योजना इस तरह से बनाने की ज़रूरत है कि वे समान रूप से सशक्त हों। एससी/एसटी, अन्य पिछड़े वर्गों, अल्पसंख्यकों और महिलाओं और बच्चों का उत्थान होना चाहिए।”
मनमोहन सिंह ने कहा, “हमने कुछ गलत किया हो सकता है… लेकिन हमने बहुत सारे अच्छे काम भी किए हैं… भारत के लोग वोट देने से पहले यूपीए के अच्छे कामों और बड़ी उपलब्धियों को ध्यान में रखेंगे।”
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