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India News(इंडिया न्यूज़), Farmers Movement 2024: 13 फरवरी को 3 साल बाद एक बार फिर किसान राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की तरफ कूच करेंगे। किसानों के ‘दिल्ली चलो’ मार्च के अह्वाहन के बाद प्रशासन ने उत्तरप्रदेश और हरियाणा से सटे बॉडर्स में मजबूती की है। किसानों को रोकने के लिए भारी सुरक्षा बल के साथ, ट्रक्टरों और गाड़ियों को रोकने के लिए रास्तों में कंकरिट की दिवारें, किलें और कटीलें तार लगा गए है।
उधर जानकारी मिली है कि आंदोलन में आ रहे किसानों ने भी बैरिकेड और अवरोधकों से निपटने के लिए अपनी खास तैयारी की है। सूत्रों के अनुसार, किसान अपने ट्रैक्टर-ट्रॉली और हाइड्रोलिक मशीन के सहारे इन अवरोधकों का सामना करेंगे।
केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने किसानों के बड़े पैमाने पर आंदोलन की आशंका जताते हुए दिल्ली, पंजाब और हरियाणा में अधिकारियों को सतर्क कर दिया है। इसमें बताया गया है कि 5,000 से अधिक ट्रैक्टर आंदोलन में शामिल होंगे। लगभग 25,000 किसानों ने अपनी मांगों को लेकर पंजाब और हरियाणा के विभिन्न जिलों से दिल्ली तक मार्च करने की योजना बनाई है।
समाचार एजेंसी एएनआई ने केंद्रीय खुफिया एजेंसी के एक अधिकारी के हवाले से कहा, “बैरिकेड्स को हटाने के लिए ट्रैक्टरों में हाइड्रोलिक उपकरण लगाए गए हैं। आग प्रतिरोधी हार्ड-शेल ट्रेलरों को आंसू गैस के गोले से लड़ने के लिए तैयार किया जा रहा है। उन्होंने इन संशोधित वाहनों के साथ अभ्यास भी किया है।”
अधिकारी ने यह भी कहा कि अधिक से अधिक संख्या में प्रदर्शनकारी किसानों को स्थल तक पहुंचाने के लिए इन मशीनों की अश्वशक्ति दोगुनी कर दी गई है।
इस बीच, हरियाणा सरकार ने सीआरपीसी की धारा 144 लागू कर दी है, जो 15 जिलों में पांच या अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर रोक लगाती है। चंडीगढ़ प्रशासन ने भी प्रस्तावित मार्च के मद्देनजर शहर में 60 दिनों की अवधि के लिए धारा 144 लागू कर दी है।
बता दें कि सयुक्त किसान मोर्चा दल और कई किसान संगठनों ने केंद्र सरकार द्वारा किसानों के लिए लाए गए 3 कानूनों का विरोध किया था। इसके अलावा सरकार ने अपनी फसलों के लिए मिनिमम स्पोर्ट प्राइज पर गारंटी की मांग की। इस सभी डिमांड को लेकर उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब के किसानों ने दिल्ली में आंदोलन किया था।
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